नादान
नादान
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बडा़ अफसोस होता है कि
अपना घर हमसे संभल नहीं रहा,
दर दर कटोरा लिए
भटक रहे हैं।
मगर पड़ोसी की खुशहाली से
जले जा रहे हैं।
उसके घर में आग लगाने की
जुगत किये जा रहे हैं।
उसके कुत्ते घर की दहलीज पर
भौंक कर डरा रहे हैं।
कितने नादान हैं वो
जो अधमरे कुत्तों के दम पर
पड़ोसी को धमका रहे हैं।
✈सुधीर श्रीवास्तव
8115285921