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5 Jun 2019 · 1 min read

?नादान हथेली

नादान हथेलियों की उलझी राहें
नादान हथेली में तुमको ढूंढते है

किसी की आने की ना खबर है ना खबर थी
पहाड़ों से आकर छूती हवा जो कयास भर थी
सूरज की किरणे भी है जो मद्धम हो चली
और एक आस को रात भर मझधार में खोजते है
नादान हथेलियों की उलझी राहें
नादान हथेली में तुमको ढूंढते है

भर रात जो कभी एक बेचैनी रह जाए
कल सुबह तक ये आंखे जगी रह जाए
तो धीरे से छूकर भोर की किरण,कहती है मुझसे
कि ‘छोड़ दो वो राहें, वो तुमसे अनजान रहते है’
नादान हथेलियों की उलझी राहें
नादान हथेली में तुमको ढूंढते हैं

ठीक है,अगर इन आंखों की नजरें मधम है
ठीक है,अगर ये दिल की धड़कने बेसब्र है
बस मेरे भीतर की रूह कहीं मेली ना हो जाए
जिस रूह में मेरे पीर रहते है
नादान हथेलियों की उलझी राहें
नादान हथेली में तुमको ढूंढते है

एक दरिया है जो थम थमकर बेहता है
एक विश्वास है जो दब दबकर रहता है
एक जमीं नजर है जो इंतज़ार में ठहर गई
और एक अंचुली जो बूंद बूंद तरस गई
फिर भी इस सूखे गले में एक घूंट उतारकर
खुद से सहमे सहमे कहते है
नादान हथेलियों की उलझी राहें
नादान हथेली तुमको ढूंढते हैं
शिवम राव मणि

Language: Hindi
2 Likes · 431 Views
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