**नहीं मिले मिले भगवान ,सुन ले सुन ले रे इंसान,,
कोई तीरथ करने जाए ,गंगा में डुबकी लगाएं।
तन को तो धोखे आए , पर मन को धो नहीं पाएं।
नहीं मिले मिले भगवान ,सुन ले सुन ले रे इंसान।।
खुद से ही शुरू करें हम ,अहंकार में फिरते हरदम ।
मां बाप न खुद के सुहाये ,उपदेश झाड़ते जाएं ।
जब जब वे तो है बोले, ज़बान कोअपनी खोलें ।
चेहरे का रंग बदल ले ,कहते तुम ही यह कर ले।
चुपचाप बैठ वे जाते ,मन ही मन अकुलाते।
कैसे पुत्र बने नादान, सुन ले सुन ले रे इंसान।।
नहीं मिल मिले भगवान ,सुन ले सुन ले रे इंसान।।
काम में मन नहीं लगता, दूर मै इससे भगता।
मुफ्त में गर मिल जाए ,भोले भाले को ही ठगता।
पैसों से मेरी यारी ,सेवा में की गद्दारी।
कहां पाप से मै तो डरता, सुख ऑरो के हरता।
काहे करता इतना गुमान, सुन ले सुन ले रे इंसान।।
राजेश व्यास अनुनय