Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
24 May 2021 · 1 min read

नहीं आप उसको युॅ ठुकराइएगा

१२२ १२२ १२२ १२२
छंद-वाचिक भुजंगप्रयात (मापनीयुक्त)
विधा – गीतिका
समांत-आइएगा
अपदान्त।

हुई भूल हमसे न अब गाइएगा ।
मिलो प्यार से मान अब जाइएगा ।।१।

चलो भूल जाएं गिले और शिकवे,
हमें और इतना न तडफाइएगा।२।

हकीकत से’ मोड़ो न मुख यार अब तुम,
हँसी वक्त को अब न बिसराइएगा।३।

मिला आज जो कुछ बहुत ख़ूबसूरत,
इसी में खुशी खूब अब पाइएगा।४।

गजब आब है चेहरे पे तुम्हारे,
सितम आज हम पर न अब ढाइएगा।५।

अटल आज तक देखता ही रहा है,
नहीं आप उसको युॅ ठुकराइएगा।६।

अटल मुरादाबादी

2 Likes · 313 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
💐प्रेम कौतुक-344💐
💐प्रेम कौतुक-344💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
#दोहा
#दोहा
*Author प्रणय प्रभात*
3075.*पूर्णिका*
3075.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
गमों के साये
गमों के साये
Swami Ganganiya
दिल ने दिल को दे दिया, उल्फ़त का पैग़ाम ।
दिल ने दिल को दे दिया, उल्फ़त का पैग़ाम ।
sushil sarna
मैंने अपनी, खिडकी से,बाहर जो देखा वो खुदा था, उसकी इनायत है सबसे मिलना, मैं ही खुद उससे जुदा था.
मैंने अपनी, खिडकी से,बाहर जो देखा वो खुदा था, उसकी इनायत है सबसे मिलना, मैं ही खुद उससे जुदा था.
Mahender Singh
*आम (बाल कविता)*
*आम (बाल कविता)*
Ravi Prakash
समझा दिया है वक़्त ने
समझा दिया है वक़्त ने
Dr fauzia Naseem shad
वट सावित्री
वट सावित्री
लक्ष्मी सिंह
मेरे प्रिय कलाम
मेरे प्रिय कलाम
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
जब दूसरो को आगे बड़ता देख
जब दूसरो को आगे बड़ता देख
Jay Dewangan
चिंतन और अनुप्रिया
चिंतन और अनुप्रिया
सुशील मिश्रा ' क्षितिज राज '
तुम ढाल हो मेरी
तुम ढाल हो मेरी
गुप्तरत्न
कुछ लोग बहुत पास थे,अच्छे नहीं लगे,,
कुछ लोग बहुत पास थे,अच्छे नहीं लगे,,
Shweta Soni
खोखला अहं
खोखला अहं
Madhavi Srivastava
उजियार
उजियार
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
डॉ अरुण कुमार शास्त्री / drarunkumarshastri
डॉ अरुण कुमार शास्त्री / drarunkumarshastri
DR ARUN KUMAR SHASTRI
शुभ रात्रि मित्रों
शुभ रात्रि मित्रों
आर.एस. 'प्रीतम'
रूठ जा..... ये हक है तेरा
रूठ जा..... ये हक है तेरा
सिद्धार्थ गोरखपुरी
**पी कर  मय महका कोरा मन***
**पी कर मय महका कोरा मन***
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
मजदूरों के साथ
मजदूरों के साथ
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
देशभक्त मातृभक्त पितृभक्त गुरुभक्त चरित्रवान विद्वान बुद्धिम
देशभक्त मातृभक्त पितृभक्त गुरुभक्त चरित्रवान विद्वान बुद्धिम
ओमप्रकाश भारती *ओम्*
आकर फंस गया शहर-ए-मोहब्बत में
आकर फंस गया शहर-ए-मोहब्बत में
पंकज पाण्डेय सावर्ण्य
सत्य की खोज
सत्य की खोज
dks.lhp
★गैर★
★गैर★
★ IPS KAMAL THAKUR ★
दोहे
दोहे
अशोक कुमार ढोरिया
ये नोनी के दाई
ये नोनी के दाई
डॉ विजय कुमार कन्नौजे
गवाह तिरंगा बोल रहा आसमान 🇮🇳
गवाह तिरंगा बोल रहा आसमान 🇮🇳
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
खुद ही रोए और खुद ही चुप हो गए,
खुद ही रोए और खुद ही चुप हो गए,
Vishal babu (vishu)
आप अपने मन को नियंत्रित करना सीख जाइए,
आप अपने मन को नियंत्रित करना सीख जाइए,
Mukul Koushik
Loading...