नसीहत देने में लगे हैं
१.
नसीहत देने में लगे हैं
एक दूसरे को वो
सियासत उनका मजहब ही नहीं
वो ये जानते नहीं
२.
पशेमान कोई नहीं होता
आज के दौर में
एक दूसरे को गिराने में
मशगूल हैं लोग
१.
नसीहत देने में लगे हैं
एक दूसरे को वो
सियासत उनका मजहब ही नहीं
वो ये जानते नहीं
२.
पशेमान कोई नहीं होता
आज के दौर में
एक दूसरे को गिराने में
मशगूल हैं लोग