नशीली उसकी आंखो में__ मुक्कत
नशीली उसकी आंखों का नशा था मुझ पर चढ़ने लगा।
पढ़ती रहती वह तो किताबें, रूप में उसका पढ़ने लगा।
कभी नजरें उठाता था, कभी नज़रें झुकाता मै।
कहीं कोई देखे न मुझको, मन ही मन मै तो डरने लगा।
****************************************
प्यार झुकता नही यारो, प्यार रुकता नहीं यारों।
यह दिल जिस पर आ जाए, वहीं पे जाके रुकने लगा।
*****************************************
प्यार को रोकने की कोशिश तो जमाना करता ही आया
मगर कभी रोक नहीं पाया, खुद ही वह तो झुकने लगा।
*****************************************
राजेश व्यास अनुनय