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9 Jan 2021 · 1 min read

नव शुरुआत

सोचा होगी शुरू अब , एक नयी शुरुआत
होये सबके मुदित मन ,जैसे पादप पात
जैसे पादप पात, खिले वदन अब फूल से
विकसे मन बीथियाँ , ज्यों मिली हो कूल से
मिल जाये आशीष , आशा सबकी पूर हो
आने वाले साल, भीत मन का दूर हो

Language: Hindi
74 Likes · 1 Comment · 604 Views
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