Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
1 Feb 2017 · 1 min read

नव-बसंत

” नव-बसंत ”
“””””””””””””””””

गाती है धरा ,
फूलों से सजा !
सब हरा-भरा !
मन-भावन है ||
कितना प्यारा ,
कितना सुन्दर !
नव-सृष्टि सा
मौसम है !
हर्षित होता है
हर प्राणि !
आलम लगता
सावन-सा !!
नव – वल्लरी
नव – पल्लव
और
नव- पराग है
पावन-सा !!
मधुप करे…….
रसपान मधु का
इस कलि से…..
उस कलि !
कोयल कूक लगाती है
उपवन-उपवन
गली-गली !
चारों ओर
बहारें छाई !
फिर से है……..
नव-बसंत आई !!

(डॉ०प्रदीप कुमार “दीप”)

Language: Hindi
457 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
राम
राम
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
जिंदगी है एक सफर,,
जिंदगी है एक सफर,,
Taj Mohammad
ख्वाब को ख़ाक होने में वक्त नही लगता...!
ख्वाब को ख़ाक होने में वक्त नही लगता...!
Aarti sirsat
नारी शक्ति
नारी शक्ति
DR ARUN KUMAR SHASTRI
क्या विरासत में
क्या विरासत में
Dr fauzia Naseem shad
एकांत
एकांत
Monika Verma
इस दुनियां में अलग अलग लोगों का बसेरा है,
इस दुनियां में अलग अलग लोगों का बसेरा है,
Mansi Tripathi
Hum tumhari giraft se khud ko azad kaise kar le,
Hum tumhari giraft se khud ko azad kaise kar le,
Sakshi Tripathi
Rakesh Yadav - Desert Fellow - निर्माण करना होगा
Rakesh Yadav - Desert Fellow - निर्माण करना होगा
Desert fellow Rakesh
कभी रहे पूजा योग्य जो,
कभी रहे पूजा योग्य जो,
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
एक दिन
एक दिन
Harish Chandra Pande
*चाँद कुछ कहना है आज * ( 17 of 25 )
*चाँद कुछ कहना है आज * ( 17 of 25 )
Kshma Urmila
अंत समय
अंत समय
Vandna thakur
डा. अम्बेडकर बुद्ध से बड़े थे / पुस्तक परिचय
डा. अम्बेडकर बुद्ध से बड़े थे / पुस्तक परिचय
Dr MusafiR BaithA
#पैरोडी-
#पैरोडी-
*Author प्रणय प्रभात*
पवित्र मन
पवित्र मन
RAKESH RAKESH
अच्छा बोलने से अगर अच्छा होता,
अच्छा बोलने से अगर अच्छा होता,
Manoj Mahato
तैराक हम गहरे पानी के,
तैराक हम गहरे पानी के,
Aruna Dogra Sharma
*शाही दरवाजों की उपयोगिता (हास्य व्यंग्य)*
*शाही दरवाजों की उपयोगिता (हास्य व्यंग्य)*
Ravi Prakash
मुस्कराहटों के पीछे
मुस्कराहटों के पीछे
Surinder blackpen
बड़ी मुश्किल से आया है अकेले चलने का हुनर
बड़ी मुश्किल से आया है अकेले चलने का हुनर
कवि दीपक बवेजा
बिखरे सपनों की ताबूत पर, दो कील तुम्हारे और सही।
बिखरे सपनों की ताबूत पर, दो कील तुम्हारे और सही।
Manisha Manjari
शायरी
शायरी
goutam shaw
शराब मुझको पिलाकर तुम,बहकाना चाहते हो
शराब मुझको पिलाकर तुम,बहकाना चाहते हो
gurudeenverma198
"दोस्ती"
Dr. Kishan tandon kranti
आओ नया निर्माण करें
आओ नया निर्माण करें
Vishnu Prasad 'panchotiya'
तुम नि:शब्द साग़र से हो ,
तुम नि:शब्द साग़र से हो ,
Stuti tiwari
💐प्रेम कौतुक-484💐
💐प्रेम कौतुक-484💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
मैं नन्हा नन्हा बालक हूँ
मैं नन्हा नन्हा बालक हूँ
अशोक कुमार ढोरिया
"तेरी याद"
Pushpraj Anant
Loading...