नववर्ष – 2020
छोड़कर बीते वर्ष को
ठिठुरती रात में
एक नई सुबह
गुनगुनी धूप के सहारे
आ गया है नववर्ष…………………
विभिन्न घटनाओं के घटने
कुछ अपनों के जुड़ने और घटने
होनी अनहोनी के साथ
खट्टी – मीठी यादें
वक़्त के धागे में पिरोकर
छोड़ आया है बीता वर्ष……………
जी नहीं पाया इंसान भरपूर
बेलगाम ख्वाहिशों के चलते
गिराकर पर्दा ख्वाहिशों पर
सिमेटकर ज़िन्दगी अपने में
छोड़ आया है बीता वर्ष……………
उम्मीदों से भरा आसमान
कर रहा है इंतजार हर शख्स का
फैलाकर अपनी बाहें
बनाने को भविष्य सुनहरा
आ गया है नववर्ष………………….