Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
24 Sep 2017 · 1 min read

**नवरात्रि शुभ फलदायी**

विषय- नवरात्रि /नौ देवियाँ
रचनाकार -नीरू मोहन
विद्या – तांका पूर्ण करती रेंगा काव्य शैली

* माँ का वास हो
संकटों का नाश हो
संपूर्ण धरा
सुख शांति संचार
नवरात्रि त्योहार
* नव दुर्गा के
पवित्र नौ स्वरुप
स्त्री जीवन है
इनसे परिपूर्ण
मनोकामना पूर्ण
*जन्मी कन्या है
शैलपुत्री स्वरूप
पूजती धरा
कौमार्य अवस्था है
ब्रह्मचारिणी रूप
*विवाह पूर्ण
चंद्रमा के समान
निर्मल सुता
चंद्रधरा समान
दो आदर सत्कार
* जन्म देती है
जीव भू पर
गर्भधारणी
कष्मांडा स्वरूप
धरती खुशहाल
* मैया प्यारी है
ममता की खान
पालनहार है
संतान जन्म बाद
स्कंदमाता स्वरूप
* स्त्री जो करती
संयम व साधन
धारण स्वयं
कात्यायिनी स्वरूप
सम्मान दो संपूर्ण
* अपना संकल्प
धारण करती है
पति रक्षिणी
सुहाग बचाकर
कालरात्रि स्वरूप
* कुटुंब भांति
संसार उपकार
करती जाए
महागौरी स्वरूप
धरा पर आ जाए
* नवाँ स्वरूप
सिद्धिदात्री अंबे माँ
जीवन साधे
कामना पहले ही 
सब कुछ दे जाए
* नवरात्रि में
सद्कर्म करे जो
माँ नजदीक
तन-मन-धन दे
नवरात्रि सफल ।।।।

Language: Hindi
1 Like · 638 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
ग़ज़ल
ग़ज़ल
प्रीतम श्रावस्तवी
ना मुराद फरीदाबाद
ना मुराद फरीदाबाद
ओनिका सेतिया 'अनु '
धरती का बेटा गया,
धरती का बेटा गया,
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
"अजीब रवायतें"
Dr. Kishan tandon kranti
हर वो दिन खुशी का दिन है
हर वो दिन खुशी का दिन है
shabina. Naaz
*यह दौर गजब का है*
*यह दौर गजब का है*
Harminder Kaur
फूल कभी भी बेजुबाॅ॑ नहीं होते
फूल कभी भी बेजुबाॅ॑ नहीं होते
VINOD CHAUHAN
💐प्रेम कौतुक-421💐
💐प्रेम कौतुक-421💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
निरन्तरता ही जीवन है चलते रहिए
निरन्तरता ही जीवन है चलते रहिए
सुशील मिश्रा ' क्षितिज राज '
काव्य की आत्मा और सात्विक बुद्धि +रमेशराज
काव्य की आत्मा और सात्विक बुद्धि +रमेशराज
कवि रमेशराज
कितने उल्टे लोग हैं, कितनी उल्टी सोच ।
कितने उल्टे लोग हैं, कितनी उल्टी सोच ।
Arvind trivedi
छिप-छिप अश्रु बहाने वालों, मोती व्यर्थ बहाने वालों
छिप-छिप अश्रु बहाने वालों, मोती व्यर्थ बहाने वालों
पूर्वार्थ
कविता
कविता
Alka Gupta
उनकी ख्यालों की बारिश का भी,
उनकी ख्यालों की बारिश का भी,
manjula chauhan
संविधान ग्रंथ नहीं मां भारती की एक आत्मा 🇮🇳
संविधान ग्रंथ नहीं मां भारती की एक आत्मा 🇮🇳
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
तू मेरे इश्क की किताब का पहला पन्ना
तू मेरे इश्क की किताब का पहला पन्ना
Shweta Soni
■ चुनावी_मुद्दा
■ चुनावी_मुद्दा
*Author प्रणय प्रभात*
प्रेम गजब है
प्रेम गजब है
ऐ./सी.राकेश देवडे़ बिरसावादी
कांतिपति का चुनाव-रथ
कांतिपति का चुनाव-रथ
नंदलाल सिंह 'कांतिपति'
छोड़कर जाने वाले क्या जाने,
छोड़कर जाने वाले क्या जाने,
शेखर सिंह
306.*पूर्णिका*
306.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
" चर्चा चाय की "
Dr Meenu Poonia
राष्ट्रीय किसान दिवस
राष्ट्रीय किसान दिवस
Akash Yadav
बुरे फँसे टिकट माँगकर (हास्य-व्यंग्य)
बुरे फँसे टिकट माँगकर (हास्य-व्यंग्य)
Ravi Prakash
(25) यह जीवन की साँझ, और यह लम्बा रस्ता !
(25) यह जीवन की साँझ, और यह लम्बा रस्ता !
Kishore Nigam
दो कदम
दो कदम
Dr fauzia Naseem shad
कुछ उत्तम विचार.............
कुछ उत्तम विचार.............
विमला महरिया मौज
आंखें
आंखें
Ghanshyam Poddar
रंगे अमन
रंगे अमन
DR ARUN KUMAR SHASTRI
Ye din to beet jata hai tumhare bina,
Ye din to beet jata hai tumhare bina,
Sakshi Tripathi
Loading...