11 रागनी नवरात्रि भजन मनजीत पहासौर
??जय माता दी??
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एक माँ दुर्गा का भगत , माँ के व्रत करने के बाद माता के धाम पर जाने के लिए चलता है तो उसको गाड़ी वाले ले जाने से मना कर देते हैं तो वह भगत एक भजन के द्वारा क्या कहता है ——
तर्ज – स्पेशल करने का मेरा ब्योत नहीं गोरी
जयकारा मईया का, मनैं जोर तैं लाणा सै,
तम्ह दर पै ले चालो , मनैं दर्शन पाणा सै..!!टेक!!
तीनों लोकां में यो डंका बाज रहा,
करै शेर सवारी मां, सिर ऊपर ताज रहा,
क्यूं कर इतराज रहा , के तनै भाड़ा लगाणा सै..!!१!!
तम्ह दर पै ले चालो , मनैं दर्शन पाणा सै..!!
वा शत्रु नाशक है, दुष्टों को मार गिरावै,
भगतन की माँ प्यारी, अपणे गले लगावै,
सब दुख दर्द मिटावै, मनै भी मर्म बताणा सै..!!२!!
तम्ह दर पै ले चालो , मनैं दर्शन पाणा सै..!!
यो मैया का सिंगार, मनैं त्यार कर राख्या,
चुनरी नारियल भी, सब अलग धर राख्या,
क्यूं अपणे सिर राख्या , जो मेरै उलहाणा सै..!!३!!
तम्ह दर पै ले चालो , मनैं दर्शन पाणा सै..!!
भजन कर ले बन्दे, तूँ छोड़ जगत के काम,
यो मनजीत अर्ज करै, सच्चा उस माँ का नाम,
यो मेरा पहासौर गाम, सदा नहीं ठिकाणा सै..!!४!!
तम्ह दर पै ले चालो , मनैं दर्शन पाणा सै..!!
रचनाकार:- पं मनजीत पहासौरिया
फोन नं०:- 9467354911