Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
3 May 2020 · 1 min read

नवगीत

टंकी के शहरों में

*

खड़े हैं कटघरों में

फसलों के गाँव.

जोत चढ़ी रधिया की,

बुधई के नाँव.

*

कोट-पैंट पहने है

बदली की, धूप,

टंकी पे लटके हैं,

शहरों में कूप,

विधवा सी मरुथल में,

कीकर की छाँव.

*

तालों के पनघट हैं,

कूड़ों के ढेर,

जलकुम्भी नदियों के,

जुएँ रही हेर,

गेहूँ के खेतों में,

ईंटों के पाँव.

*

गाता न ठुमरी है,

पंछी का ठोर,

आठ बजे जगता है,

आंगन का भोर,

फागुन की गलियों में,

कौओं के काँव.

*

खोंइछा न पाता है,

लज्जा का फाँड़,

चीनी में उठँगी है,

गन्ने की खाँड़,

पछवाँ का जोर हुआ.

पुरवा के ठाँव.

*

शिवानन्द सिंह ‘सहयोगी’

मेरठ

Language: Hindi
516 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
सरसी छंद
सरसी छंद
Charu Mitra
चलो दो हाथ एक कर ले
चलो दो हाथ एक कर ले
Sûrëkhâ Rãthí
2843.*पूर्णिका*
2843.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
कौआ और कोयल (दोस्ती)
कौआ और कोयल (दोस्ती)
VINOD CHAUHAN
ज़िस्म की खुश्बू,
ज़िस्म की खुश्बू,
Bodhisatva kastooriya
एक दिन सफलता मेरे सपनें में आई.
एक दिन सफलता मेरे सपनें में आई.
Piyush Goel
लोहा ही नहीं धार भी उधार की उनकी
लोहा ही नहीं धार भी उधार की उनकी
Dr MusafiR BaithA
*** भाग्यविधाता ***
*** भाग्यविधाता ***
Chunnu Lal Gupta
मूडी सावन
मूडी सावन
Sandeep Pande
सजल...छंद शैलजा
सजल...छंद शैलजा
डॉ.सीमा अग्रवाल
दुनियाभर में घट रही,
दुनियाभर में घट रही,
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
भारत की पुकार
भारत की पुकार
पंकज प्रियम
विपक्ष ने
विपक्ष ने
*Author प्रणय प्रभात*
करनी होगी जंग
करनी होगी जंग
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
जय मां शारदे
जय मां शारदे
Harminder Kaur
कुछ राज़ बताए थे अपनों को
कुछ राज़ बताए थे अपनों को
Rekha khichi
अपने आमाल पे
अपने आमाल पे
Dr fauzia Naseem shad
सारा दिन गुजर जाता है खुद को समेटने में,
सारा दिन गुजर जाता है खुद को समेटने में,
शेखर सिंह
क्यों नहीं बदल सका मैं, यह शौक अपना
क्यों नहीं बदल सका मैं, यह शौक अपना
gurudeenverma198
❤️एक अबोध बालक ❤️
❤️एक अबोध बालक ❤️
DR ARUN KUMAR SHASTRI
" पीती गरल रही है "
भगवती प्रसाद व्यास " नीरद "
दिल में हिन्दुस्तान रखना आता है
दिल में हिन्दुस्तान रखना आता है
नूरफातिमा खातून नूरी
बृद्ध  हुआ मन आज अभी, पर यौवन का मधुमास न भूला।
बृद्ध हुआ मन आज अभी, पर यौवन का मधुमास न भूला।
संजीव शुक्ल 'सचिन'
"बह रही धीरे-धीरे"
Dr. Kishan tandon kranti
We Mature With
We Mature With
पूर्वार्थ
भगवान महाबीर
भगवान महाबीर
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
' चाह मेँ ही राह '
' चाह मेँ ही राह '
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
रूठते-मनाते,
रूठते-मनाते,
Amber Srivastava
आत्मनिर्भरता
आत्मनिर्भरता
Dr. Pradeep Kumar Sharma
*किसी की जेब खाली है, किसी के पास पैसे हैं 【मुक्तक】*
*किसी की जेब खाली है, किसी के पास पैसे हैं 【मुक्तक】*
Ravi Prakash
Loading...