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3 Jun 2017 · 1 min read

|नये शिल्प में रमेशराज की तेवरी

हम चोर लुटेरों ने घेरे
हर सू है चीख-पुकार | इस बार ||

हम घने अंधेरों ने घेरे
दिखती न रौशनी यार | इस बार ||

हम सेठ-कुबेरों ने घेरे
सब शोषण करें अपार | इस बार ||

जल-बीच मछेरों ने घेरे
हम बने मीन लाचार | इस बार ||

सत्ता के घेरों ने घेरे
हर ओर दिखें अंगार | इस बार ||
+रमेशराज

Language: Hindi
482 Views
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