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18 May 2021 · 1 min read

नये शब्द

नये शब्दों में
नयी बातो से
रोज़ नया सृजन आता है
जो पुराने से भिन्न है
आधुनिक ही नही
अत्याधुनिक होते हैं
ये शब्द
ये बात नही कहते
वरन् गूंजते हैं
कौंधते आकाश में
ठिठकते हैं
नयी चेतना लाते हैं
पुनः नयी स्फूर्ति पाते हैं
शब्द अब शब्द नहीं
क्योंकि शब्द ही शिष्ट करते हैं
पर कुछ शब्द
जब शब्द नहीं रहते
अशिष्ट कर जाते हैं
शब्दों को शब्द ही रहने दें
ये पुरानों से भिन्न हैं
पर आज भी शब्द हैं

मनोज शर्मा

Language: Hindi
429 Views
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