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12 Feb 2021 · 1 min read

ननिहाल

*********ननिहाल*********
*************************

ननिहाल नाना नानी के साथ है,
मामा मामी के संग तो अनाथ हैं।

नानी की याद आती हैं लोरियाँ,
नाने की गोदी में होती प्रभात हैं।

अलग से मिलता था हर हिस्सा,
प्रेम की मिलती फिर सौगात है।

हो जाएं जब वो अखियों से दूर,
याद आती उनकी मीठी बात हैं।

ननसार बन जाता उजड़ा चमन,
बिन उनके बिगड़ती सुरताल है।

मातुलानी निज कुटुंब में व्यस्त,
मामू भी हो जाते तब लाचार हैं।

खेत के मीठे मिसरी से वो बैर,
चने के खेत सी बिछी बिसात है।

मनसीरत को सुनाएगा कौन,
नाना नानी यादों की बारात है।
************************
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
खेड़ी राओ वाली (कैथल)

Language: Hindi
1 Like · 257 Views
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