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16 Dec 2019 · 1 min read

जो तुम आ बैठ जाते तो

महज लहरें यहीं होती,
समुंदर का किनारा होता ।
जो तुम आ बैठ जाते तो,
नज़ारा कुछ और ही होता।।

यकीनन तुम मेरे न होते,
मगर वो पल संवर जाता ,
जो तुम आ बैठ जाते तो,
नज़ारा कुछ और ही होता ।।

जी लेता उम्र सारी मैं,
अगर मिलना जो हो पाता।
जो तुम आ बैठ जाते तो,
नज़ारा कुछ और ही होता।।

Language: Hindi
1 Like · 1 Comment · 356 Views
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