Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
10 May 2021 · 1 min read

नज़रिया।

कदम-कदम पे ये ज़िंदगी भी,
करती है क्या-क्या इशारे,

नज़र में हो जो नज़रिया अगर,
तो नायाब हो जाते हैं नज़ारे,

जब फूटन लगते हैं होंठों से,
अपने हंसी के फव्वारे,

तब फूटने लगते हैं ज़िंदगी से,
सारे ग़मों के गुब्बारे।

कवि-अंबर श्रीवास्तव।

Language: Hindi
2 Likes · 6 Comments · 412 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
*यूँ आग लगी प्यासे तन में*
*यूँ आग लगी प्यासे तन में*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
*पाऊँ पद हरि आपके , प्रभु जी करो विचार【भक्ति-कुंडलिया】*
*पाऊँ पद हरि आपके , प्रभु जी करो विचार【भक्ति-कुंडलिया】*
Ravi Prakash
पाँव में खनकी चाँदी हो जैसे - संदीप ठाकुर
पाँव में खनकी चाँदी हो जैसे - संदीप ठाकुर
Sandeep Thakur
आप दिलकश जो है
आप दिलकश जो है
gurudeenverma198
भगतसिंह
भगतसिंह
Shekhar Chandra Mitra
हर बार सफलता नहीं मिलती, कभी हार भी होती है
हर बार सफलता नहीं मिलती, कभी हार भी होती है
पूर्वार्थ
धवल चाँदनी में हरित,
धवल चाँदनी में हरित,
sushil sarna
जान हो तुम ...
जान हो तुम ...
SURYA PRAKASH SHARMA
हमको ख़ामोश कर दिया
हमको ख़ामोश कर दिया
Dr fauzia Naseem shad
चिड़िया रानी
चिड़िया रानी
नन्दलाल सुथार "राही"
3249.*पूर्णिका*
3249.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
पारिजात छंद
पारिजात छंद
Neelam Sharma
लला गृह की ओर चले, आयी सुहानी भोर।
लला गृह की ओर चले, आयी सुहानी भोर।
डॉ.सीमा अग्रवाल
"सत्य अमर है"
Ekta chitrangini
विचार
विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
■ लीक से हट कर.....
■ लीक से हट कर.....
*Author प्रणय प्रभात*
मेरी बातें दिल से न लगाया कर
मेरी बातें दिल से न लगाया कर
Manoj Mahato
पर्यावरण संरक्षण
पर्यावरण संरक्षण
Pratibha Pandey
कोशिश करना छोरो मत,
कोशिश करना छोरो मत,
Ranjeet kumar patre
रात……!
रात……!
Sangeeta Beniwal
दिखावा
दिखावा
Swami Ganganiya
जीवन के रंग
जीवन के रंग
Dr. Pradeep Kumar Sharma
मोर
मोर
Manu Vashistha
“शादी के बाद- मिथिला दर्शन” ( संस्मरण )
“शादी के बाद- मिथिला दर्शन” ( संस्मरण )
DrLakshman Jha Parimal
प्रणय 8
प्रणय 8
Ankita Patel
वर्तमान युद्ध परिदृश्य एवं विश्व शांति तथा स्वतंत्र सह-अस्तित्व पर इसका प्रभाव
वर्तमान युद्ध परिदृश्य एवं विश्व शांति तथा स्वतंत्र सह-अस्तित्व पर इसका प्रभाव
Shyam Sundar Subramanian
समल चित् -समान है/प्रीतिरूपी मालिकी/ हिंद प्रीति-गान बन
समल चित् -समान है/प्रीतिरूपी मालिकी/ हिंद प्रीति-गान बन
Pt. Brajesh Kumar Nayak
भोर सुहानी हो गई, खिले जा रहे फूल।
भोर सुहानी हो गई, खिले जा रहे फूल।
surenderpal vaidya
अस्तित्व की ओट?🧤☂️
अस्तित्व की ओट?🧤☂️
डॉ० रोहित कौशिक
प्रेम की बात जमाने से निराली देखी
प्रेम की बात जमाने से निराली देखी
Vishal babu (vishu)
Loading...