Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
25 Jan 2017 · 1 min read

कुछ खोया कुछ पा लिया, बीत रहा इक साल

कुछ खोया कुछ पा लिया, बीत रहा इक साल
आओ अब चिंतन करें, मिला परीक्षण काल।।

खुशी कई हमको मिली, मिले कई ईनाम
मिलकर बाँटे आज सब, खुशियों की है शाम।।

देखे थे सपने कई, कर लेंगे सब काज
कमी कहाँ पर रह गई, चलो विचारे आज।।

रिश्तों के धागे खुले, हुए करीबी दूर
कह-सुन ले बातें सभी, मद हो चकनाचूर।।

बुरा किसी का जो किया, कर लो आज सुधार
पश्चाताप अभी करो, रहे नहीं सिर भार।।

सोलह वाला दे गया, खुशियाँ अमिट, अपार
सत्रह की आहट बुने, मन में रंग हजार।

आने वाला है नया, देखो फिर इक साल
इक इक पल का सोच लो, होगी कैसी चाल।।

हर इक पल को तुम गुनो, करो व्यर्थ नहि कोय
सार्थक ही सब काज हो, आत्म सन्तुष्टि होय।।

लोधी डॉ. आशा ‘अदिति’
भोपाल

Language: Hindi
2 Likes · 1 Comment · 515 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
रक्षाबंधन (कुंडलिया)
रक्षाबंधन (कुंडलिया)
दुष्यन्त 'बाबा'
मित्रो नमस्कार!
मित्रो नमस्कार!
अटल मुरादाबादी, ओज व व्यंग कवि
*होइही सोइ जो राम रची राखा*
*होइही सोइ जो राम रची राखा*
Shashi kala vyas
Winner
Winner
Paras Nath Jha
मेरी हैसियत
मेरी हैसियत
आर एस आघात
■ अब सब समझदार हैं मितरों!!
■ अब सब समझदार हैं मितरों!!
*Author प्रणय प्रभात*
रोटी का कद्र वहां है जहां भूख बहुत ज्यादा है ll
रोटी का कद्र वहां है जहां भूख बहुत ज्यादा है ll
Ranjeet kumar patre
नीला अम्बर नील सरोवर
नीला अम्बर नील सरोवर
डॉ. शिव लहरी
सपने..............
सपने..............
पूर्वार्थ
कभी
कभी
हिमांशु Kulshrestha
महत्व
महत्व
Dr. Kishan tandon kranti
ज़िंदगी तेरा
ज़िंदगी तेरा
Dr fauzia Naseem shad
बिखरने की सौ बातें होंगी,
बिखरने की सौ बातें होंगी,
Vishal babu (vishu)
23/79.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/79.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
तुम्हें भूल नहीं सकता कभी
तुम्हें भूल नहीं सकता कभी
gurudeenverma198
साहित्य सृजन .....
साहित्य सृजन .....
Awadhesh Kumar Singh
मैं ऐसा नही चाहता
मैं ऐसा नही चाहता
Rohit yadav
आज़ादी के दीवाने
आज़ादी के दीवाने
करन ''केसरा''
उमंग
उमंग
Akash Yadav
पर्यावरण में मचती ये हलचल
पर्यावरण में मचती ये हलचल
Buddha Prakash
भ्रूणहत्या
भ्रूणहत्या
Dr Parveen Thakur
आज के बच्चों की बदलती दुनिया
आज के बच्चों की बदलती दुनिया
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
लोकतंत्र
लोकतंत्र
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
💐प्रेम कौतुक-253💐
💐प्रेम कौतुक-253💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
'आप ' से ज़ब तुम, तड़ाक,  तूँ  है
'आप ' से ज़ब तुम, तड़ाक, तूँ है
सिद्धार्थ गोरखपुरी
"मेरा भोला बाबा"
Dr Meenu Poonia
*हम तो हम भी ना बन सके*
*हम तो हम भी ना बन सके*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
एक नयी रीत
एक नयी रीत
Harish Chandra Pande
साहित्यकार ओमप्रकाश वाल्मीकि का रचना संसार।
साहित्यकार ओमप्रकाश वाल्मीकि का रचना संसार।
Dr. Narendra Valmiki
धर्म ज्योतिष वास्तु अंतराष्ट्रीय सम्मेलन
धर्म ज्योतिष वास्तु अंतराष्ट्रीय सम्मेलन
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
Loading...