धोखा दे गए काका काकी
काका काकी कहत गए, दीखत रहियो बाट।
जो हम घर नै लोट सके, उल्टा दैओ खाट।।
उल्टा दैओ खाट, बाँट लइओ आधा-आधा।
लड़ने भिड़ने न करिओ, कर लइओ हमसे वादा।।
बंधी गठरिया खोल, करें सब ताँका-झांकी।
मूड़ पटक सब रे गए, धोखा दे गए काका काकी।।
✍? अरविंद राजपूत ‘कल्प’