Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
19 Nov 2020 · 1 min read

धूप

1
होती अच्छी भोर की, कच्ची कच्ची धूप
तन को करती स्वस्थ है, और निखारे रूप
2
घिरती गम की रात जब,नहीं निकलती धूप
लगने लगती ज़िन्दगी, तम का गहरा कूप
3
सुबह सुबह की धूप में,करें रोज व्यायाम
बीमारी का ये करे , पूरा काम तमाम
4
धूप छाँव सी ज़िन्दगी,बदले अपने रंग
जैसे भी हालात हों, वैसे रहते ढंग
5
दुख की तीखी धूप में,जलते पहले पाँव
फिर जाकर मिलती हमें,सुख की गहरी छाँव
6
बादल खेलें सूर्य से,धूप-छाँव का खेल
और कभी जाते बरस,बूंदों से कर मेल
7
रहे नहीं इक म्यान में, जैसे दो तलवार
धूप-छाँव में भी छिड़ी,रहे यही तकरार

17-11-2020
डॉ अर्चना गुप्ता
मुरादाबाद

Language: Hindi
4 Comments · 522 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Dr Archana Gupta
View all
You may also like:
2659.*पूर्णिका*
2659.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
आजा रे अपने देश को
आजा रे अपने देश को
gurudeenverma198
हार
हार
पूर्वार्थ
पुकारती है खनकती हुई चूड़ियाँ तुमको।
पुकारती है खनकती हुई चूड़ियाँ तुमको।
Neelam Sharma
तीन मुट्ठी तन्दुल
तीन मुट्ठी तन्दुल
कार्तिक नितिन शर्मा
हमारा ऐसा हो गणतंत्र।
हमारा ऐसा हो गणतंत्र।
सत्य कुमार प्रेमी
-- क्लेश तब और अब -
-- क्लेश तब और अब -
गायक - लेखक अजीत कुमार तलवार
दौड़ी जाती जिंदगी,
दौड़ी जाती जिंदगी,
sushil sarna
"आज मैंने"
Dr. Kishan tandon kranti
जीवन - अस्तित्व
जीवन - अस्तित्व
Shyam Sundar Subramanian
*हम नदी के दो किनारे*
*हम नदी के दो किनारे*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
" उज़्र " ग़ज़ल
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
हमारी समस्या का समाधान केवल हमारे पास हैl
हमारी समस्या का समाधान केवल हमारे पास हैl
Ranjeet kumar patre
नदियां जो सागर में जाती उस पाणी की बात करो।
नदियां जो सागर में जाती उस पाणी की बात करो।
सत्येन्द्र पटेल ‘प्रखर’
*माटी की संतान- किसान*
*माटी की संतान- किसान*
Harminder Kaur
#प्रभात_वंदन
#प्रभात_वंदन
*Author प्रणय प्रभात*
#dr Arun Kumar shastri
#dr Arun Kumar shastri
DR ARUN KUMAR SHASTRI
चाय
चाय
Rajeev Dutta
फितरत ना बदल सका
फितरत ना बदल सका
goutam shaw
लक्ष्य एक होता है,
लक्ष्य एक होता है,
नेताम आर सी
छा जाओ आसमान की तरह मुझ पर
छा जाओ आसमान की तरह मुझ पर
ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी"
माँ दुर्गा मुझे अपना सहारा दो
माँ दुर्गा मुझे अपना सहारा दो
Suman (Aditi Angel 🧚🏻)
अपनी लेखनी नवापुरा के नाम ( कविता)
अपनी लेखनी नवापुरा के नाम ( कविता)
Praveen Sain
कवि का दिल बंजारा है
कवि का दिल बंजारा है
नूरफातिमा खातून नूरी
*
*"ब्रम्हचारिणी माँ"*
Shashi kala vyas
भूख
भूख
नाथ सोनांचली
निर्लज्ज चरित्र का स्वामी वो, सम्मान पर आँख उठा रहा।
निर्लज्ज चरित्र का स्वामी वो, सम्मान पर आँख उठा रहा।
Manisha Manjari
मनहरण घनाक्षरी
मनहरण घनाक्षरी
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
दिल धड़कता नही अब तुम्हारे बिना
दिल धड़कता नही अब तुम्हारे बिना
Ram Krishan Rastogi
जीवन कभी गति सा,कभी थमा सा...
जीवन कभी गति सा,कभी थमा सा...
Santosh Soni
Loading...