Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
24 May 2018 · 1 min read

#कुंडलिया//धागा प्यार का

धागा बाँधो प्यार का , करके हृदय अटूट।
चाहत ऐसी कीजिए , जिसमें पड़े न फूट।।
जिसमें पड़े न फूट , नहीं समझौता करना।
दिल देना मत तोड़ , इसी से बस तुम डरना।
सुन प्रीतम की बात , प्यार में जो हो जागा।
संकट आएँ लाख , जीत उसकी यह धागा।

#आर.एस. ‘प्रीतम’

484 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from आर.एस. 'प्रीतम'
View all
You may also like:
#कुदरत_केरंग
#कुदरत_केरंग
*Author प्रणय प्रभात*
चंद अशआर -ग़ज़ल
चंद अशआर -ग़ज़ल
डॉक्टर वासिफ़ काज़ी
किरणों का कोई रंग नहीं होता
किरणों का कोई रंग नहीं होता
Atul "Krishn"
पानी
पानी
Er. Sanjay Shrivastava
धन्य होता हर व्यक्ति
धन्य होता हर व्यक्ति
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
*** कुछ पल अपनों के साथ....! ***
*** कुछ पल अपनों के साथ....! ***
VEDANTA PATEL
लालच
लालच
Dr. Kishan tandon kranti
आस पड़ोस का सब जानता है..
आस पड़ोस का सब जानता है..
कवि दीपक बवेजा
पूछा किसी ने  इश्क में हासिल है क्या
पूछा किसी ने इश्क में हासिल है क्या
sushil sarna
आज का चिंतन
आज का चिंतन
निशांत 'शीलराज'
2349.पूर्णिका
2349.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
आज फ़िर दिल ने इक तमन्ना की..
आज फ़िर दिल ने इक तमन्ना की..
Rashmi Sanjay
रक्त के परिसंचरण में ॐ ॐ ओंकार होना चाहिए।
रक्त के परिसंचरण में ॐ ॐ ओंकार होना चाहिए।
Rj Anand Prajapati
राखी
राखी
Shashi kala vyas
मौनता  विभेद में ही अक्सर पायी जाती है , अपनों में बोलने से
मौनता विभेद में ही अक्सर पायी जाती है , अपनों में बोलने से
DrLakshman Jha Parimal
दहलीज़ पराई हो गई जब से बिदाई हो गई
दहलीज़ पराई हो गई जब से बिदाई हो गई
सुशील मिश्रा ' क्षितिज राज '
मैं तो महज आवाज हूँ
मैं तो महज आवाज हूँ
VINOD CHAUHAN
" हम तो हारे बैठे हैं "
भगवती प्रसाद व्यास " नीरद "
कर्म रूपी मूल में श्रम रूपी जल व दान रूपी खाद डालने से जीवन
कर्म रूपी मूल में श्रम रूपी जल व दान रूपी खाद डालने से जीवन
ओम प्रकाश श्रीवास्तव
💐अज्ञात के प्रति-123💐
💐अज्ञात के प्रति-123💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
जिंदगी के रंगमंच में हम सभी किरदार है
जिंदगी के रंगमंच में हम सभी किरदार है
Neeraj Agarwal
ज़िंदगी खुद ब खुद
ज़िंदगी खुद ब खुद
Dr fauzia Naseem shad
मोहब्बत, हर किसी के साथ में नहीं होती
मोहब्बत, हर किसी के साथ में नहीं होती
Vishal babu (vishu)
"When the storms of life come crashing down, we cannot contr
Manisha Manjari
*नहीं फेंके अब भोजन (कुंडलिया)*
*नहीं फेंके अब भोजन (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
भूख
भूख
Dinesh Yadav (दिनेश यादव)
सुई नोक भुइ देहुँ ना, को पँचगाँव कहाय,
सुई नोक भुइ देहुँ ना, को पँचगाँव कहाय,
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
यही समय है!
यही समय है!
Saransh Singh 'Priyam'
मैं भी चुनाव लड़ूँगा (हास्य कविता)
मैं भी चुनाव लड़ूँगा (हास्य कविता)
Dr. Kishan Karigar
चाँद कुछ इस तरह से पास आया…
चाँद कुछ इस तरह से पास आया…
Anand Kumar
Loading...