Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
10 Apr 2020 · 1 min read

धरती का त्यागपत्र १

सौंप दिया धरती ने अपना त्यागपत्र ब्रह्मा को ,
सभागण सब कर रहे विचार विमर्श ,
ऐसा क्यों किया धरा ने?
होगा क्या सभी जिव जन्तु का??
सोच सोच कर बेचारे देवता परेशान।
मनाने कि बहुत कोशिश की नारायण ने,
पर, व्यर्थ हुआ सब अनुरोध उनका,
वसुंधरा को मनाने के चक्कर में,
बेचारे आपस में ही उलझ पड़े
साथ में लक्ष्मी भी गईं रुठ
हाय, कैसी विडम्बना है?
कहने लगे देव सभी,
मूक-बधिर होकर सभी
कर रहे इंतजार ब्रह्मा के निर्णय का,
कारण पुछा ब्रह्मा ने ,
तो कटघरे में उन्हें हि खड़ा कर दिया धरा ने,
इतना तंग ना हुई मैं सतयुग,त्रेता, द्वापर में,
जितना इस कलयुग ने मुझे महज़ कुछ दिनों में किया,
अब सहन ना होता दर्द मुझे
इन पापी लोभी संतानों के भार का,
सारे संस्कार भुलाकर मेरे,
मुझे हि प्रताड़ित कर रहे,
अब मैं ना पालन करुंगी इनका ,
चाहे जोड़ कितने भी तुम हाथ पांव,
लो संभालो अपने संतानों को,
आखिर,
पिता का भी कुछ धर्म होता है,
व्यंग साध कर विष्णु पे,
रोसपुर्ण बातें करते हुए चल दिए रसा,
अपने मायके के ओर,
पर बेचारी शोक मग्न हो कर
नभ में ही घुम्ने लगी इधर उधर

Language: Hindi
2 Comments · 466 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
नींव की ईंट
नींव की ईंट
ओमप्रकाश भारती *ओम्*
दादी की कहानी (कविता)
दादी की कहानी (कविता)
दुष्यन्त 'बाबा'
*हीरे को परखना है,*
*हीरे को परखना है,*
नेताम आर सी
💐प्रेम कौतुक-274💐
💐प्रेम कौतुक-274💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
देश-प्रेम
देश-प्रेम
कवि अनिल कुमार पँचोली
चक्रवृद्धि प्यार में
चक्रवृद्धि प्यार में
Pratibha Pandey
🙏*गुरु चरणों की धूल*🙏
🙏*गुरु चरणों की धूल*🙏
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
वफ़ा
वफ़ा
shabina. Naaz
शिक्षा बिना है, जीवन में अंधियारा
शिक्षा बिना है, जीवन में अंधियारा
gurudeenverma198
उनको असफलता अधिक हाथ लगती है जो सफलता प्राप्त करने के लिए सह
उनको असफलता अधिक हाथ लगती है जो सफलता प्राप्त करने के लिए सह
Rj Anand Prajapati
***दिल बहलाने  लाया हूँ***
***दिल बहलाने लाया हूँ***
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
जय मां शारदे
जय मां शारदे
Harminder Kaur
चांद पर उतरा
चांद पर उतरा
Dr fauzia Naseem shad
** राह में **
** राह में **
surenderpal vaidya
2665.*पूर्णिका*
2665.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
प्रकृति भी तो शांत मुस्कुराती रहती है
प्रकृति भी तो शांत मुस्कुराती रहती है
ruby kumari
बचपन का प्यार
बचपन का प्यार
Vandna Thakur
बुरा समय था
बुरा समय था
Swami Ganganiya
*बड़ा आदमी बनना है तो, कर प्यारे घोटाला (हिंदी गजल/ गीतिका)*
*बड़ा आदमी बनना है तो, कर प्यारे घोटाला (हिंदी गजल/ गीतिका)*
Ravi Prakash
"हैसियत"
Dr. Kishan tandon kranti
डॉ. नगेन्द्र की दृष्टि में कविता
डॉ. नगेन्द्र की दृष्टि में कविता
कवि रमेशराज
जन्मदिन विशेष : अशोक जयंती
जन्मदिन विशेष : अशोक जयंती
ब्रजनंदन कुमार 'विमल'
जब तुम एक बड़े मकसद को लेकर चलते हो तो छोटी छोटी बाधाएं तुम्
जब तुम एक बड़े मकसद को लेकर चलते हो तो छोटी छोटी बाधाएं तुम्
Drjavedkhan
तुलसी युग 'मानस' बना,
तुलसी युग 'मानस' बना,
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
भोग कामना - अंतहीन एषणा
भोग कामना - अंतहीन एषणा
Atul "Krishn"
शून्य ....
शून्य ....
sushil sarna
"सुबह की किरणें "
Yogendra Chaturwedi
नए वर्ष की इस पावन बेला में
नए वर्ष की इस पावन बेला में
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
■ शुभ देवोत्थान
■ शुभ देवोत्थान
*Author प्रणय प्रभात*
सावन आया
सावन आया
Neeraj Agarwal
Loading...