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29 Oct 2019 · 1 min read

धनतेरस

– – ० ० धनतेरस ० ०- –

निर्धन व्यक्ति तंगहाल है,
धनतेरस का नहीं ख्याल है,

मिठाई नहीं रोटी के लाले,
चुल्हे पे लगे मकङी जाले,

तवा उपेक्षित रो रहा है,
तंगी में धैर्य खो रहा है,

कैसी होली कैसी दीवाली,
हंडिया खाली दानों वाली,

चूहे अनशन पर बैठे हैं,
भूखे सब के पेट ऐंठे हैं,

कब भरपेट खा पाएंगे,
अच्छेदिन जाने कब आएंगे,

-विनोद सिल्ला

Language: Hindi
2 Likes · 2 Comments · 461 Views
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