Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
29 May 2021 · 1 min read

दौर ये भी गमों का गुजर जाएगा

फ़ाइलुन फाइलुन फाइलुन फाइलुन
212……212……212……212

धूप को देखकर तम बिखर जाएगा!
दौर ये भी गमों का गुजर जाएगा!

जिंदगी में तो सुख दुख रहेंगे सदा,
वक्त ऐसा नहीं ये ठहर जाएगा!

साथ कंधे से कंधा मिलाकर चलो,
कोइ तूफां हो खुद ही बिखर जाएगा!

मंजिलें चाहिए रास्ते देख लो,
रास्ता गर जो भटका किधर जाएगा!

मन में विश्वास रख ध्यान प्रभु का धरो,
एक दिन इन गमों से उबर जाएगा!

एक “प्रेमी” तुम्हें चाहिए दोस्तो,
आज क्या पूरा् जीवन सॅंवर जाएगा!

…… ✍ प्रेमी
29 मई, 2021

1 Like · 4 Comments · 219 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
आचार्य शुक्ल की कविता सम्बन्धी मान्यताएं
आचार्य शुक्ल की कविता सम्बन्धी मान्यताएं
कवि रमेशराज
बिन फले तो
बिन फले तो
surenderpal vaidya
माँ की दुआ
माँ की दुआ
Anil chobisa
वो,
वो,
हिमांशु Kulshrestha
हिसाब-किताब / मुसाफ़िर बैठा
हिसाब-किताब / मुसाफ़िर बैठा
Dr MusafiR BaithA
दोहे
दोहे
Santosh Soni
मूल्यों में आ रही गिरावट समाधान क्या है ?
मूल्यों में आ रही गिरावट समाधान क्या है ?
Dr fauzia Naseem shad
ढूंढ रहा है अध्यापक अपना वो अस्तित्व आजकल
ढूंढ रहा है अध्यापक अपना वो अस्तित्व आजकल
कृष्ण मलिक अम्बाला
क्योंकि मैं किसान हूँ।
क्योंकि मैं किसान हूँ।
Vishnu Prasad 'panchotiya'
नसीब तो ऐसा है मेरा
नसीब तो ऐसा है मेरा
gurudeenverma198
■ पूछती है दुनिया ..!!
■ पूछती है दुनिया ..!!
*Author प्रणय प्रभात*
हिन्दी दोहा - स्वागत
हिन्दी दोहा - स्वागत
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
तू बेमिसाल है
तू बेमिसाल है
shabina. Naaz
न ठंड ठिठुरन, खेत न झबरा,
न ठंड ठिठुरन, खेत न झबरा,
Sanjay ' शून्य'
सरस्वती बंदना
सरस्वती बंदना
Basant Bhagawan Roy
💐प्रेम कौतुक-223💐
💐प्रेम कौतुक-223💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
कोरोना
कोरोना
डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम
प्रणय निवेदन
प्रणय निवेदन
पंकज पाण्डेय सावर्ण्य
तू
तू
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
Fastest technology since ages that is human mind .stop using
Fastest technology since ages that is human mind .stop using
Nupur Pathak
मेरी एक सहेली है
मेरी एक सहेली है
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
सबके सामने रहती है,
सबके सामने रहती है,
लक्ष्मी सिंह
*रिमझिम-रिमझिम बारिश यह, कितनी भोली-भाली है (हिंदी गजल)*
*रिमझिम-रिमझिम बारिश यह, कितनी भोली-भाली है (हिंदी गजल)*
Ravi Prakash
मुक्तक
मुक्तक
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
बड़ा भोला बड़ा सज्जन हूँ दीवाना मगर ऐसा
बड़ा भोला बड़ा सज्जन हूँ दीवाना मगर ऐसा
आर.एस. 'प्रीतम'
2708.*पूर्णिका*
2708.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
दिल के जख्म
दिल के जख्म
Gurdeep Saggu
रे मन
रे मन
Dr. Meenakshi Sharma
"जिरह"
Dr. Kishan tandon kranti
अधिकार और पशुवत विचार
अधिकार और पशुवत विचार
ओंकार मिश्र
Loading...