Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
12 Apr 2019 · 1 min read

दौर-ए-इलेक्शन

दौर-ए-इलेक्शन में कहाँ कोई इंसान नजर आता है
कोई हिन्दू, कोई दलित, कोई मुसलमान नजर आता है
बीत जाता है जब इलाकों में इलेक्शन का दौर जनाब
तब हर शख्स रोटी के लिए परेशान नजर आता है।
शेखर विश्वकर्मा के पोस्ट से लिया गया और अब मेरा मूल सृजन

ये सियासत भी कमाल की चीज है
यहाँ का हर आदमी इन्हें बिकाऊ सामान नजर आता है
आपस में तोड़ना हुनर है इनका बहुत खूब
यही बात है कि राज करना अब इतना आसान नजर आता है
चुनाव की बिसात पर हरफन मौला हैं ये जालिम
इन्हें तो हर शै में अपना अरमान नजर आता है
सही बात कहते नहीं, नहीं करते समर्थन कभी
बेफजूल में सुनाया तुगलकी फरमान नजर आता है
मंदिरों में पूजा नहीं, मस्जिदों में अजान नहीं
इस दौर में लड़ता हुआ एक दूसरे का ईमान नजर आता है
इंसानियत खत्म सियासत की चाल से
अपनों के दिल का सिर्फ सूना मकान नजर आता है
बंट गए हम टुकड़ों में इस कदर जानिब
कि उन आकाओं में हमें अपना भगवान नजर आता है
मजहबों को बांट कर क्या हासिल होगा इनकों
फरेब आंखों में इन्हें कहीं गीता, कहीं कुरान नजर आता है
खुदा की इनायत कहते हैं जो खुद को
सच कहूँ तो उन खुदा के बंदों में मुझे सिर्फ शैतान नजर आता है
स्वयं की कलम से
पूर्णतः मौलिक स्वरचित सृजन
आदित्य कुमार भारती
टेंगनमाड़ा, बिलासपुर, छ.ग.

Language: Hindi
1 Like · 1 Comment · 516 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
कम्प्यूटर ज्ञान :- नयी तकनीक- पावर बी आई
कम्प्यूटर ज्ञान :- नयी तकनीक- पावर बी आई
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
चाय में इलायची सा है आपकी
चाय में इलायची सा है आपकी
शेखर सिंह
जिंदगी को रोशन करने के लिए
जिंदगी को रोशन करने के लिए
Ragini Kumari
नई शुरुआत
नई शुरुआत
Neeraj Agarwal
ड्रीम-टीम व जुआ-सटा
ड्रीम-टीम व जुआ-सटा
Anil chobisa
एक दोहा...
एक दोहा...
डॉ.सीमा अग्रवाल
"कैसा सवाल है नारी?"
Dr. Kishan tandon kranti
दान की महिमा
दान की महिमा
Dr. Mulla Adam Ali
!! पुलिस अर्थात रक्षक !!
!! पुलिस अर्थात रक्षक !!
Akash Yadav
नाम दोहराएंगे
नाम दोहराएंगे
Dr.Priya Soni Khare
आज आंखों में
आज आंखों में
Dr fauzia Naseem shad
परमपूज्य स्वामी रामभद्राचार्य जी महाराज
परमपूज्य स्वामी रामभद्राचार्य जी महाराज
मनोज कर्ण
ग़ज़ल/नज़्म: एक तेरे ख़्वाब में ही तो हमने हजारों ख़्वाब पाले हैं
ग़ज़ल/नज़्म: एक तेरे ख़्वाब में ही तो हमने हजारों ख़्वाब पाले हैं
अनिल कुमार
सबरी के जूठे बेर चखे प्रभु ने उनका उद्धार किया।
सबरी के जूठे बेर चखे प्रभु ने उनका उद्धार किया।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
बुद्ध जी की करुणा हुई तो
बुद्ध जी की करुणा हुई तो
Buddha Prakash
जब तक नहीं है पास,
जब तक नहीं है पास,
Satish Srijan
बारिश के लिए तरस रहे
बारिश के लिए तरस रहे
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
दूसरों की आलोचना
दूसरों की आलोचना
Dr.Rashmi Mishra
समय ही अहंकार को पैदा करता है और समय ही अहंकार को खत्म करता
समय ही अहंकार को पैदा करता है और समय ही अहंकार को खत्म करता
Rj Anand Prajapati
बच्चा सिर्फ बच्चा होता है
बच्चा सिर्फ बच्चा होता है
Dr. Pradeep Kumar Sharma
* वक्त  ही वक्त  तन में रक्त था *
* वक्त ही वक्त तन में रक्त था *
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
मर्द की कामयाबी के पीछे माँ के अलावा कोई दूसरी औरत नहीं होती
मर्द की कामयाबी के पीछे माँ के अलावा कोई दूसरी औरत नहीं होती
Sandeep Kumar
आज की प्रस्तुति: भाग 7
आज की प्रस्तुति: भाग 7
Rajeev Dutta
विभीषण का दुःख
विभीषण का दुःख
Dr MusafiR BaithA
3280.*पूर्णिका*
3280.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
*मशहूर लोग( कुंडलिया )*
*मशहूर लोग( कुंडलिया )*
Ravi Prakash
■ सोच कर तो देखो ज़रा...।।😊😊
■ सोच कर तो देखो ज़रा...।।😊😊
*Author प्रणय प्रभात*
हमारी निशानी मिटा कर तुम नई कहानी बुन लेना,
हमारी निशानी मिटा कर तुम नई कहानी बुन लेना,
Vaishnavi Gupta (Vaishu)
श्रोता के जूते
श्रोता के जूते
नंदलाल सिंह 'कांतिपति'
मिलती बड़े नसीब से , अपने हक की धूप ।
मिलती बड़े नसीब से , अपने हक की धूप ।
भवानी सिंह धानका 'भूधर'
Loading...