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18 Oct 2019 · 1 min read

दो मुक्तक

जाग जाओ अब जाग भी जाओ,
दूर करो सब अंधयारी l
भारतमाता बिलख रही अब,
बन जाओ तुम चिंगारी ll

पुरखो की तुम न कटबाओ
मत लजबाओ महतारी l
जाग जाओ अब जाग भी जाओ,
डूब गई क्या उजयारी ll
✍कृष्णकांत गुर्जर

Language: Hindi
7 Likes · 405 Views
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