Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
30 Aug 2017 · 1 min read

दो एकम दो : बाल कविता

दो

दो एकम दो , दो दूनी चार
आओ करें धरा से प्यार
दो तिया छः , दो चौक आठ
याद करो सब अपना पाठ
दो पंजे दस , दो छंग बारह
स्कूल से न हो नौ दो ग्यारह
दो सत्ते चौदह , दो अट्ठे सोलह
अच्छे बच्चे सदा मन मोहे
दो नम अठारह , दो दहाई बीस
मानो सदा बड़ों की सीख ।

तीन

तीन एकम तीन , तीन दूनी छः
कड़वे बोल कभी न कह ।
तीन तिया नौ , तीन चौक बारह
सदा रहें हम मिलकर सारे ।
तीन पंजे पंद्रह , तीन छंग अठारह
संकट में हिम्मत मत हारेें
तीन सत्ते इक्कीस , तीन अट्ठे चौबीस
गुस्से में दाँत कभी न पीस
तीन नम सत्ताइस , तीन दहाई तीस
साथ हमारे सदा है ईश ।
डॉ रीता

Language: Hindi
400 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Rita Singh
View all
You may also like:
आया बसंत
आया बसंत
Seema gupta,Alwar
हँसते गाते हुए
हँसते गाते हुए
Shweta Soni
बुनते हैं जो रात-दिन
बुनते हैं जो रात-दिन
Dr. Rajendra Singh 'Rahi'
Kavita
Kavita
shahab uddin shah kannauji
समान आचार संहिता
समान आचार संहिता
Bodhisatva kastooriya
सफलता
सफलता
Babli Jha
दुनिया में भारत अकेला ऐसा देश है जो पत्थर में प्राण प्रतिष्ठ
दुनिया में भारत अकेला ऐसा देश है जो पत्थर में प्राण प्रतिष्ठ
Anand Kumar
वीर गाथा है वीरों की ✍️
वीर गाथा है वीरों की ✍️
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
#संबंधों_की_उधड़ी_परतें, #उरतल_से_धिक्कार_रहीं !!
#संबंधों_की_उधड़ी_परतें, #उरतल_से_धिक्कार_रहीं !!
संजीव शुक्ल 'सचिन'
दीवार में दरार
दीवार में दरार
VINOD CHAUHAN
शीर्षक – ऐ बहती हवाएं
शीर्षक – ऐ बहती हवाएं
Sonam Puneet Dubey
Kabhi jo dard ki dawa hua krta tha
Kabhi jo dard ki dawa hua krta tha
Kumar lalit
■ ये हैं ठेकेदार
■ ये हैं ठेकेदार
*Author प्रणय प्रभात*
तुम जहा भी हो,तुरंत चले आओ
तुम जहा भी हो,तुरंत चले आओ
Ram Krishan Rastogi
वैसे अपने अपने विचार है
वैसे अपने अपने विचार है
शेखर सिंह
'उड़ाओ नींद के बादल खिलाओ प्यार के गुलशन
'उड़ाओ नींद के बादल खिलाओ प्यार के गुलशन
आर.एस. 'प्रीतम'
हर सांझ तुम्हारे आने की आहट सुना करता था
हर सांझ तुम्हारे आने की आहट सुना करता था
Er. Sanjay Shrivastava
चार लाइनर विधा मुक्तक
चार लाइनर विधा मुक्तक
Mahender Singh
*स्वस्थ देह दो हमको प्रभु जी, बाकी सब बेकार (गीत)*
*स्वस्थ देह दो हमको प्रभु जी, बाकी सब बेकार (गीत)*
Ravi Prakash
सुनो पहाड़ की.....!!!! (भाग - ६)
सुनो पहाड़ की.....!!!! (भाग - ६)
Kanchan Khanna
गौरवमय पल....
गौरवमय पल....
डॉ.सीमा अग्रवाल
हे भगवान तुम इन औरतों को  ना जाने किस मिट्टी का बनाया है,
हे भगवान तुम इन औरतों को ना जाने किस मिट्टी का बनाया है,
Dr. Man Mohan Krishna
हमने भी ज़िंदगी को
हमने भी ज़िंदगी को
Dr fauzia Naseem shad
अदरक वाला स्वाद
अदरक वाला स्वाद
दुष्यन्त 'बाबा'
मुहब्बत के शहर में कोई शराब लाया, कोई शबाब लाया,
मुहब्बत के शहर में कोई शराब लाया, कोई शबाब लाया,
डी. के. निवातिया
है जिसका रहमो करम और प्यार है मुझ पर।
है जिसका रहमो करम और प्यार है मुझ पर।
सत्य कुमार प्रेमी
"इतिहास"
Dr. Kishan tandon kranti
मुस्कुराहटों के मूल्य
मुस्कुराहटों के मूल्य
Saraswati Bajpai
खेत का सांड
खेत का सांड
आनन्द मिश्र
"महंगा तजुर्बा सस्ता ना मिलै"
MSW Sunil SainiCENA
Loading...