Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
9 May 2020 · 1 min read

दोहे

विधा- दोहे
प्रदत्त शब्द- औचित्य, पुलिन, पूनम, साकेत, बुद्ध।

विद्या का #औचित्य क्या, बिना विनय, गुण, ज्ञान।
पढ़-लिखकर पाता मनुज, जीवन में सम्मान।।

बिना #पुलिन आधार के, मूरत गढ़ी न जाय।
वात चले जब ज़ोर से, माटी धूल उड़ाय।।

#पूनम की शुभ चंद्रिका, रति का ज्यों शृंगार।
प्राजक्ता की सेज प्रिय, करें प्रणय अभिसार।।

भटक रहा जन जगत में, धरे न मन में धीर।
राम धाम #साकेत में, हनुमत हरते पीर।।

प्रेम, दया अरु धर्म से, कर अनुशीलन #बुद्ध।
राग-रंग को त्याग दे ,तब मन होगा शुद्ध।।

डॉ. रजनी अग्रवाल ‘वाग्देवी रत्ना’
वाराणसी (उ. प्र.)

Language: Hindi
2 Likes · 304 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना'
View all
You may also like:
कृष्ण चतुर्थी भाद्रपद, है गणेशावतार
कृष्ण चतुर्थी भाद्रपद, है गणेशावतार
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
हाई स्कूल की परीक्षा सम्मान सहित उत्तीर्ण
हाई स्कूल की परीक्षा सम्मान सहित उत्तीर्ण
Ravi Prakash
मैंने जिसे लिखा था बड़ा देखभाल के
मैंने जिसे लिखा था बड़ा देखभाल के
Shweta Soni
*
*"माँ"*
Shashi kala vyas
बेटियां
बेटियां
Mukesh Kumar Sonkar
I Can Cut All The Strings Attached
I Can Cut All The Strings Attached
Manisha Manjari
किसी का खौफ नहीं, मन में..
किसी का खौफ नहीं, मन में..
अरशद रसूल बदायूंनी
मै मानव  कहलाता,
मै मानव कहलाता,
कार्तिक नितिन शर्मा
ईच्छा का त्याग -  राजू गजभिये
ईच्छा का त्याग - राजू गजभिये
Raju Gajbhiye
बहुत दिनों के बाद उनसे मुलाकात हुई।
बहुत दिनों के बाद उनसे मुलाकात हुई।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
Thought
Thought
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
💐प्रेम कौतुक-442💐
💐प्रेम कौतुक-442💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
किसानों की दुर्दशा पर एक तेवरी-
किसानों की दुर्दशा पर एक तेवरी-
कवि रमेशराज
भीनी भीनी आ रही सुवास है।
भीनी भीनी आ रही सुवास है।
Omee Bhargava
Hum tumhari giraft se khud ko azad kaise kar le,
Hum tumhari giraft se khud ko azad kaise kar le,
Sakshi Tripathi
■ एक नारा, एक दोहा-
■ एक नारा, एक दोहा-
*Author प्रणय प्रभात*
2965.*पूर्णिका*
2965.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
"बेहतर है चुप रहें"
Dr. Kishan tandon kranti
माफ करना, कुछ मत कहना
माफ करना, कुछ मत कहना
gurudeenverma198
पल भर में बदल जाए
पल भर में बदल जाए
Dr fauzia Naseem shad
सूरज दादा ड्यूटी पर (हास्य कविता)
सूरज दादा ड्यूटी पर (हास्य कविता)
डॉ. शिव लहरी
कर्म से विश्वाश जन्म लेता है,
कर्म से विश्वाश जन्म लेता है,
Sanjay ' शून्य'
आपस में अब द्वंद है, मिलते नहीं स्वभाव।
आपस में अब द्वंद है, मिलते नहीं स्वभाव।
Manoj Mahato
कोई भी रंग उस पर क्या चढ़ेगा..!
कोई भी रंग उस पर क्या चढ़ेगा..!
Ranjana Verma
जवाबदारी / MUSAFIR BAITHA
जवाबदारी / MUSAFIR BAITHA
Dr MusafiR BaithA
तुम्हें अपना कहने की तमन्ना थी दिल में...
तुम्हें अपना कहने की तमन्ना थी दिल में...
Vishal babu (vishu)
हम हैं क्योंकि वह थे
हम हैं क्योंकि वह थे
Shekhar Chandra Mitra
यायावर
यायावर
Satish Srijan
"पसंद और प्रेम"
पूर्वार्थ
** मंजिलों की तरफ **
** मंजिलों की तरफ **
surenderpal vaidya
Loading...