Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
10 Feb 2021 · 1 min read

दोहे….

विधा-दोहा लेखन*
**********************

माँ
भोली सूरत मात की,मीठे मीठे बोल।
नेह भरी मूरत प्यारी, है जग में अनमोल।।

पिता
पुरा जीवन रीत गया, सुत का हो कल्याण।
भाव मन में दबे रहे, है पिता अति महान।।

बोल
हर्षित हो मन आपका, बोले ऐसे बोल।
बाहर निकले होठ से, उससे पहले तोल।।

रेखा कापसे होशंगाबाद मप्र

Language: Hindi
5 Likes · 2 Comments · 528 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
ऐ दिल सम्हल जा जरा
ऐ दिल सम्हल जा जरा
Anjana Savi
नव वर्ष का आगाज़
नव वर्ष का आगाज़
Vandna Thakur
नारी शक्ति वंदन
नारी शक्ति वंदन
Jeewan Singh 'जीवनसवारो'
मनमीत मेरे तुम हो
मनमीत मेरे तुम हो
ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी"
■ आज का शेर...।
■ आज का शेर...।
*Author प्रणय प्रभात*
धरा और हरियाली
धरा और हरियाली
Buddha Prakash
संकट..
संकट..
Sushmita Singh
एक बेहतर जिंदगी का ख्वाब लिए जी रहे हैं सब
एक बेहतर जिंदगी का ख्वाब लिए जी रहे हैं सब
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
मुस्कान है
मुस्कान है
Dr. Sunita Singh
प्रतिश्रुति
प्रतिश्रुति
DR ARUN KUMAR SHASTRI
मां के आंचल में
मां के आंचल में
Satish Srijan
तुम पढ़ो नहीं मेरी रचना  मैं गीत कोई लिख जाऊंगा !
तुम पढ़ो नहीं मेरी रचना मैं गीत कोई लिख जाऊंगा !
DrLakshman Jha Parimal
3201.*पूर्णिका*
3201.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
अचानक जब कभी मुझको हाँ तेरी याद आती है
अचानक जब कभी मुझको हाँ तेरी याद आती है
Johnny Ahmed 'क़ैस'
मेरी तो धड़कनें भी
मेरी तो धड़कनें भी
हिमांशु Kulshrestha
संत साईं बाबा
संत साईं बाबा
Pravesh Shinde
अंतरंग प्रेम
अंतरंग प्रेम
Paras Nath Jha
जिंदगी के रंगमंच में हम सभी अकेले हैं।
जिंदगी के रंगमंच में हम सभी अकेले हैं।
Neeraj Agarwal
A little hope can kill you.
A little hope can kill you.
Manisha Manjari
दुनिया तभी खूबसूरत लग सकती है
दुनिया तभी खूबसूरत लग सकती है
ruby kumari
"कवियों की हालत"
Dr. Kishan tandon kranti
संकल्प
संकल्प
Dr. Pradeep Kumar Sharma
हमारा संघर्ष
हमारा संघर्ष
पूर्वार्थ
अपनों की ठांव .....
अपनों की ठांव .....
Awadhesh Kumar Singh
इंसान तो मैं भी हूं लेकिन मेरे व्यवहार और सस्कार
इंसान तो मैं भी हूं लेकिन मेरे व्यवहार और सस्कार
Ranjeet kumar patre
(मुक्तक) जऱ-जमीं धन किसी को तुम्हारा मिले।
(मुक्तक) जऱ-जमीं धन किसी को तुम्हारा मिले।
सत्य कुमार प्रेमी
क्या सीत्कार से पैदा हुए चीत्कार का नाम हिंदीग़ज़ल है?
क्या सीत्कार से पैदा हुए चीत्कार का नाम हिंदीग़ज़ल है?
कवि रमेशराज
बहुत कुछ अरमान थे दिल में हमारे ।
बहुत कुछ अरमान थे दिल में हमारे ।
Rajesh vyas
*तुम और  मै धूप - छाँव  जैसे*
*तुम और मै धूप - छाँव जैसे*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
मैं भी चुनाव लड़ूँगा (हास्य कविता)
मैं भी चुनाव लड़ूँगा (हास्य कविता)
Dr. Kishan Karigar
Loading...