Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
20 Dec 2020 · 1 min read

दोहे संग्रह

प्रदत दोहे पर पाँच रचना
★★★★★★★★★★★★★★★
जीवन है आवागमन , यहीं परम है साँच।
जो इसको समझे नहीं ,पाये दुख की आँच।।

निर्वाचन होकर बने , जनहित में सरकार।
बहुमत से जो दूर हो , मिले उसी को हार।।

मन से जब परमार्थ का , होता है अनुबंध।
तब-तब जीवन में उड़े,सुखमय परम सुगंध।।

मुनियों के आख्यान में , भरा हुआ है ज्ञान।
इस पारस का पान कर,बनते मनुज महान।।

परिभाषित संसार में , जीवन है अनमोल।
पर मृगतृष्णा में मनुज,करता व्यर्थ किलोल।।
★★★★★★★★★★★★★★★★★
स्वरचित©®
डिजेन्द्र कुर्रे”कोहिनूर”
छत्तीसगढ़(भारत)

Language: Hindi
269 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
नारियां
नारियां
विनोद कृष्ण सक्सेना, पटवारी
होगी तुमको बहुत मुश्किल
होगी तुमको बहुत मुश्किल
gurudeenverma198
तेरी सारी चालाकी को अब मैंने पहचान लिया ।
तेरी सारी चालाकी को अब मैंने पहचान लिया ।
Rajesh vyas
बेटी नहीं उपहार हैं खुशियों का संसार हैं
बेटी नहीं उपहार हैं खुशियों का संसार हैं
Shyamsingh Lodhi (Tejpuriya)
........
........
शेखर सिंह
कुतूहल आणि जिज्ञासा
कुतूहल आणि जिज्ञासा
Shyam Sundar Subramanian
शाहजहां के ताजमहल के मजदूर।
शाहजहां के ताजमहल के मजदूर।
Rj Anand Prajapati
*** चंद्रयान-३ : चांद की सतह पर....! ***
*** चंद्रयान-३ : चांद की सतह पर....! ***
VEDANTA PATEL
ग़ज़ल/नज़्म - उसका प्यार जब से कुछ-कुछ गहरा हुआ है
ग़ज़ल/नज़्म - उसका प्यार जब से कुछ-कुछ गहरा हुआ है
अनिल कुमार
मुक्तक
मुक्तक
Rashmi Sanjay
जिन्दगी में कभी रूकावटों को इतनी भी गुस्ताख़ी न करने देना कि
जिन्दगी में कभी रूकावटों को इतनी भी गुस्ताख़ी न करने देना कि
Sukoon
💐प्रेम कौतुक-166💐
💐प्रेम कौतुक-166💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
जीवन दया का
जीवन दया का
Dr fauzia Naseem shad
कल रात सपने में प्रभु मेरे आए।
कल रात सपने में प्रभु मेरे आए।
Kumar Kalhans
आशियाना तुम्हारा
आशियाना तुम्हारा
Srishty Bansal
तुम ही सौलह श्रृंगार मेरे हो.....
तुम ही सौलह श्रृंगार मेरे हो.....
Neelam Sharma
■ सियासत के बूचड़खाने में...।।
■ सियासत के बूचड़खाने में...।।
*Author प्रणय प्रभात*
3249.*पूर्णिका*
3249.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
तुम्हें रूठना आता है मैं मनाना सीख लूँगा,
तुम्हें रूठना आता है मैं मनाना सीख लूँगा,
pravin sharma
जरूरत से ज्यादा मुहब्बत
जरूरत से ज्यादा मुहब्बत
shabina. Naaz
मुखड़े पर खिलती रहे, स्नेह भरी मुस्कान।
मुखड़े पर खिलती रहे, स्नेह भरी मुस्कान।
surenderpal vaidya
तुम कहो कोई प्रेम कविता
तुम कहो कोई प्रेम कविता
Surinder blackpen
रंगों का त्योहार होली
रंगों का त्योहार होली
Suman (Aditi Angel 🧚🏻)
“ अपनों में सब मस्त हैं ”
“ अपनों में सब मस्त हैं ”
DrLakshman Jha Parimal
प्यार भरा इतवार
प्यार भरा इतवार
Manju Singh
'रामबाण' : धार्मिक विकार से चालित मुहावरेदार शब्द / DR. MUSAFIR BAITHA
'रामबाण' : धार्मिक विकार से चालित मुहावरेदार शब्द / DR. MUSAFIR BAITHA
Dr MusafiR BaithA
कुंडलिया
कुंडलिया
sushil sarna
राष्ट्र निर्माण को जीवन का उद्देश्य बनाया था
राष्ट्र निर्माण को जीवन का उद्देश्य बनाया था
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
आज के इस हाल के हम ही जिम्मेदार...
आज के इस हाल के हम ही जिम्मेदार...
डॉ.सीमा अग्रवाल
बंद पंछी
बंद पंछी
लक्ष्मी सिंह
Loading...