Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
22 Dec 2020 · 1 min read

दोहे — “”””शिक्षक सम्मान”””

(१)शिक्षक देते ज्ञान है, करो उनका सम्मान।
बात जिसने ध्यान घरी ,बन गया विद्वान।।
(२) जैसे-जैसे वे कहे, मन में बांध लो गांठ।
भविष्य सुखद बन जाएगा, खूब करोगे ठाठ।।
(३) दूर ना भागो ज्ञान से, ले लो विद्यादान।
शीश झुका नमन करो, शिक्षक होते महान।।
(४)युग चाहे बदल गया, बदलो न तुम रंग।
गुरु जहां तुमको मिले, करलो उनका संग।।
(५)शिक्षक रहते साथ है,कभी न छोड़े साथ।
नमन अनुनय तो करे,झुका के अपना माथ।।

समस्त गुरुओं को नमन
राजेश व्यास अनुनय

Language: Hindi
1 Like · 287 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
गणपति अभिनंदन
गणपति अभिनंदन
Shyam Sundar Subramanian
मंटू और चिड़ियाँ
मंटू और चिड़ियाँ
SHAMA PARVEEN
ఓ యువత మేలుకో..
ఓ యువత మేలుకో..
डॉ गुंडाल विजय कुमार 'विजय'
23/101.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/101.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
परेशान देख भी चुपचाप रह लेती है
परेशान देख भी चुपचाप रह लेती है
Keshav kishor Kumar
शीतलहर
शीतलहर
विनोद वर्मा ‘दुर्गेश’
कहानी :#सम्मान
कहानी :#सम्मान
Usha Sharma
बाजार से सब कुछ मिल जाता है,
बाजार से सब कुछ मिल जाता है,
Shubham Pandey (S P)
दिल तमन्ना
दिल तमन्ना
Dr fauzia Naseem shad
मानवता हमें बचाना है
मानवता हमें बचाना है
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
💐प्रेम कौतुक-281💐
💐प्रेम कौतुक-281💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
तेरे गम का सफर
तेरे गम का सफर
Rajeev Dutta
परिवार का सत्यानाश
परिवार का सत्यानाश
पूर्वार्थ
*बस एक बार*
*बस एक बार*
Shashi kala vyas
......?
......?
शेखर सिंह
माँ सरस्वती अन्तर्मन मन में..
माँ सरस्वती अन्तर्मन मन में..
Vijay kumar Pandey
मेरे राम
मेरे राम
Prakash Chandra
*कभी बरसात है (घनाक्षरी)*
*कभी बरसात है (घनाक्षरी)*
Ravi Prakash
मुक्तक।
मुक्तक।
Pankaj sharma Tarun
सिसकियाँ
सिसकियाँ
Dr. Kishan tandon kranti
#लघुकथा
#लघुकथा
*Author प्रणय प्रभात*
चलो...
चलो...
Srishty Bansal
जय जय दुर्गा माता
जय जय दुर्गा माता
ओम प्रकाश श्रीवास्तव
रोटी
रोटी
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
पक्की छत
पक्की छत
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
नहीं अब कभी ऐसा, नहीं होगा हमसे
नहीं अब कभी ऐसा, नहीं होगा हमसे
gurudeenverma198
तेरी चाहत का कैदी
तेरी चाहत का कैदी
N.ksahu0007@writer
लला गृह की ओर चले, आयी सुहानी भोर।
लला गृह की ओर चले, आयी सुहानी भोर।
डॉ.सीमा अग्रवाल
माँ की आँखों में पिता / मुसाफ़िर बैठा
माँ की आँखों में पिता / मुसाफ़िर बैठा
Dr MusafiR BaithA
आसां  है  चाहना  पाना मुमकिन नहीं !
आसां है चाहना पाना मुमकिन नहीं !
Sushmita Singh
Loading...