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18 Sep 2018 · 1 min read

दोहे मां पर

मां मन की ज़मीर है, देह की है काया
काशी काबा है वहीं, जग की है माया ।

मां से ही हैं हम सब, मां बिना न कोई
कृष्ण भये अवतरित, जब देवकी होई।

Language: Hindi
240 Views
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