Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
20 Dec 2020 · 1 min read

दोहा मुक्तक

दोहा मुक्तक
★★★★★★★★★★★★★★★
जग में हो रहकर सदा , मन में हो उत्साह।
पावन हो नित कर्म से,सतत बढ़ो नित राह।
आए बाधा फिर कभी ,कर – कर के संघर्ष।
मानव सेवा कार्य में , होती सबकी चाह।।
★★★★★★★★★★★★★★★
मानव सेवा धर्म हो , बनना सदा महान।
दरवाजा बनकर सदा , रक्षक बनना जान।
मत भूलो संसार से , जाना है दिन एक।
मानव को मिलता तभी,इस जग में पहचान।।
★★★★★★★★★★★★★★★
माँ लक्ष्मी की हो कृपा,तब मिलता सुखसार।
धनतेरस के पर्व में , सुखी सदा घर बार ।
धनतेरस शुभ आ गया , शुभ-लाभ के संग।
सुरभित वंदन वार से , माँ की हो उपकार ।।
★★★★★★★★★★★★★★★★★
स्वरचित©®
डिजेन्द्र कुर्रे”कोहिनूर”
छत्तीसगढ़(भारत)

Language: Hindi
309 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
कमबख्त ये दिल जिसे अपना समझा,वो बेवफा निकला।
कमबख्त ये दिल जिसे अपना समझा,वो बेवफा निकला।
Sandeep Mishra
यूनिवर्सिटी के गलियारे
यूनिवर्सिटी के गलियारे
Surinder blackpen
कहाँ है मुझको किसी से प्यार
कहाँ है मुझको किसी से प्यार
gurudeenverma198
*लफ्ज*
*लफ्ज*
Kumar Vikrant
श्री राम भजन
श्री राम भजन
Khaimsingh Saini
सवालिया जिंदगी
सवालिया जिंदगी
Jeewan Singh 'जीवनसवारो'
शिक्षा तो पाई मगर, मिले नहीं संस्कार
शिक्षा तो पाई मगर, मिले नहीं संस्कार
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
दबी जुबान में क्यों बोलते हो?
दबी जुबान में क्यों बोलते हो?
Manoj Mahato
पापा आपकी बहुत याद आती है
पापा आपकी बहुत याद आती है
Kuldeep mishra (KD)
जीवन में सबसे बड़ा प्रतिद्वंद्वी मैं स्वयं को मानती हूँ
जीवन में सबसे बड़ा प्रतिद्वंद्वी मैं स्वयं को मानती हूँ
ruby kumari
मुस्कुराते रहो
मुस्कुराते रहो
Basant Bhagawan Roy
आत्मा
आत्मा
Bodhisatva kastooriya
बेशर्मी
बेशर्मी
Sanjay ' शून्य'
प्रेम
प्रेम
Shyam Sundar Subramanian
*गुरु (बाल कविता)*
*गुरु (बाल कविता)*
Ravi Prakash
व्यस्तता
व्यस्तता
Surya Barman
🦋 *आज की प्रेरणा🦋
🦋 *आज की प्रेरणा🦋
Tarun Singh Pawar
"औरत ही रहने दो"
Dr. Kishan tandon kranti
भारी संकट नीर का, जग में दिखता आज ।
भारी संकट नीर का, जग में दिखता आज ।
Mahendra Narayan
बाबा तेरा इस कदर उठाना ...
बाबा तेरा इस कदर उठाना ...
Sunil Suman
हार को तिरस्कार ना करें
हार को तिरस्कार ना करें
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
हाय वो बचपन कहाँ खो गया
हाय वो बचपन कहाँ खो गया
VINOD CHAUHAN
#DrArunKumarshastri
#DrArunKumarshastri
DR ARUN KUMAR SHASTRI
आँख मिचौली जिंदगी,
आँख मिचौली जिंदगी,
sushil sarna
प्यार हुआ कैसे और क्यूं
प्यार हुआ कैसे और क्यूं
Parvat Singh Rajput
■ जिंदगी खुद ख्वाब
■ जिंदगी खुद ख्वाब
*Author प्रणय प्रभात*
किस्मत की लकीरें
किस्मत की लकीरें
umesh mehra
शिशिर ऋतु-३
शिशिर ऋतु-३
Vishnu Prasad 'panchotiya'
भारत मां की पुकार
भारत मां की पुकार
Shriyansh Gupta
हिन्दी दोहे- इतिहास
हिन्दी दोहे- इतिहास
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
Loading...