Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
18 Nov 2020 · 1 min read

‘ दोहरी जिंदगी…एक छलावा ‘

दोहरी ज़िंदगी…ये भी कोई ज़िंदगी है
दोहरी ज़िंदगी… नही कोई बंदगी है ,

दोहरी ज़िंदगी… कैसे कोई जीता है
दोहरी ज़िंदगी…मन का कोना जैसे रीता है ,

दोहरी ज़िंदगी…खुद से अजनबी बनते हैं
दोहरी ज़िंदगी…अपनों को अजनबी कहते हैं ,

दोहरी ज़िंदगी…जैसे साम – दाम – दंड है
दोहरी ज़िंदगी…इसका नही कोई मापदंड है ,

दोहरी ज़िंदगी…बहुतों के जीवन की पिपासा है
दोहरी ज़िंदगी…कितनों की अभिलाषा है ,

दोहरी ज़िंदगी…मन का एक छलावा है
दोहरी ज़िंदगी…आडंबर है दिखावा है ,

दोहरी ज़िंदगी…अपने आप से आँख चुराना है
दोहरी ज़िंदगी…बात – बात पर बहाना है ,

दोहरी ज़िंदगी…क्षण भर का ठहराव है
दोहरी ज़िंदगी…फिर पानी का बहाव है ,

दोहरी ज़िंदगी…मचले तो मृगतृष्णा है
दोहरी ज़िंदगी…नही संभले तो घृणा है ,

दोहरी ज़िंदगी…सबसे बड़ा धोखा है
दोहरी ज़िंदगी…माचिस से भरा खोखा है ,

दोहरी ज़िंदगी…नही चेते तो व्यसन है
दोहरी ज़िंदगी…चेत गये तो प्रवचन है ।

स्वरचित एवं मौलिक
( ममता सिंह देवा , 06/11/2020 )

Language: Hindi
1 Like · 671 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
🚩एकांत महान
🚩एकांत महान
Pt. Brajesh Kumar Nayak
..सुप्रभात
..सुप्रभात
आर.एस. 'प्रीतम'
हाई स्कूल के मेंढक (छोटी कहानी)
हाई स्कूल के मेंढक (छोटी कहानी)
Ravi Prakash
■ शेर
■ शेर
*Author प्रणय प्रभात*
सनातन सँस्कृति
सनातन सँस्कृति
Bodhisatva kastooriya
मैं अचानक चुप हो जाती हूँ
मैं अचानक चुप हो जाती हूँ
ruby kumari
दिल लगाएं भगवान में
दिल लगाएं भगवान में
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
मुक्तक-विन्यास में रमेशराज की तेवरी
मुक्तक-विन्यास में रमेशराज की तेवरी
कवि रमेशराज
वो इश्क किस काम का
वो इश्क किस काम का
Ram Krishan Rastogi
डॉ अरुण कुमार शास्त्री
डॉ अरुण कुमार शास्त्री
DR ARUN KUMAR SHASTRI
आँखों   पर   ऐनक   चढ़ा   है, और  बुद्धि  कुंद  है।
आँखों पर ऐनक चढ़ा है, और बुद्धि कुंद है।
संजीव शुक्ल 'सचिन'
लम्हे
लम्हे
Dr. Ramesh Kumar Nirmesh
We become more honest and vocal when we are physically tired
We become more honest and vocal when we are physically tired
पूर्वार्थ
याद रहेगा यह दौर मुझको
याद रहेगा यह दौर मुझको
Ranjeet kumar patre
ग़ज़ल- मशालें हाथ में लेकर ॲंधेरा ढूॅंढने निकले...
ग़ज़ल- मशालें हाथ में लेकर ॲंधेरा ढूॅंढने निकले...
अरविन्द राजपूत 'कल्प'
2674.*पूर्णिका*
2674.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
नसीहत
नसीहत
Shivkumar Bilagrami
💐प्रेम कौतुक-173💐
💐प्रेम कौतुक-173💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
ढूंढ रहा है अध्यापक अपना वो अस्तित्व आजकल
ढूंढ रहा है अध्यापक अपना वो अस्तित्व आजकल
कृष्ण मलिक अम्बाला
हे गुरुवर तुम सन्मति मेरी,
हे गुरुवर तुम सन्मति मेरी,
Kailash singh
दुश्मन ए जां से मोहब्बत हो गई
दुश्मन ए जां से मोहब्बत हो गई
Irshad Aatif
दोगला चेहरा
दोगला चेहरा
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
रक्षा बंधन
रक्षा बंधन
विजय कुमार अग्रवाल
सादगी तो हमारी जरा……देखिए
सादगी तो हमारी जरा……देखिए
shabina. Naaz
जब से हैं तब से हम
जब से हैं तब से हम
Dr fauzia Naseem shad
करूँ प्रकट आभार।
करूँ प्रकट आभार।
Anil Mishra Prahari
पल-पल यू मरना
पल-पल यू मरना
The_dk_poetry
फ़र्क़ यह नहीं पड़ता
फ़र्क़ यह नहीं पड़ता
Anand Kumar
खफा है जिन्दगी
खफा है जिन्दगी
Anamika Singh
आज की पंक्तिजन्म जन्म का साथ
आज की पंक्तिजन्म जन्म का साथ
कार्तिक नितिन शर्मा
Loading...