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16 Jul 2021 · 1 min read

दोहन करें

उसूलों को रख ताक पर बने रहा सुजान,
मुट्ठीभर राख जा बनी,नाम जाको श्मशान,

कहते कहते न थके, प्रशंसा में प्रसंग,
मदमस्त चले चाल , तुरंग जस् मतंग.
.
पोती परपोती दोयत, यात्रा चार धाम,
पुरुषार्थ चार,नहीं तजे,सर्वप्रथम काम.
.
बारिश आवत देख कर, किसान दौड़
खलिहान की ओर,शेष सब कुछ छोड़
.
मलिन पहनावे देखकर, गेल्या लगा संसार,
हुंकार सुन वे पीछे हटे यो माणस आरंपार.
.
मन राजसी मन आलसी मन सात्विक
मन पंछी मन तुरंग मन यति अधिरेक.
.

Language: Hindi
3 Likes · 2 Comments · 395 Views
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