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16 Sep 2019 · 1 min read

दोनों मिलकर रो पड़े

दोनो मिलकर रो पड़े,वहाँ पकड़ कर हाथ !
जहाँ मिली इंसानियत, मज़हब आये साथ !!

गलती को अपनी स्वयं,किया अगर स्वीकार !
इसे जीत ही मानिए, … .नही समझना हार !!
रमेश शर्मा

Language: Hindi
1 Like · 192 Views
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