देश को मत बांटो तुम भाई।
देश को मत बांटो तुम भाई,
अपने हित साधन हेतु
सब कर रहे लडाई
भिन्न धर्म है भिन्न वेश है,
हम सबका पर एक देश है।
बंटे रहे है मुस्लिम हिंदू सिक्ख ईसाई,
देश को मत बांटो तुम भाई।
हिंसा हल नहीं किसी बात का,
कितनो ने यूँ ही जान गंवाई,
देश को मत बांटो तुम भाई।
एक माँ की हम सब संताने ,
हम सब आपस मे भाई भाई ।
देश को मत बांटो तुम भाई।