देश की उन्नायक “राजभाषा हिन्दी”
कालजेय हिन्दी, वंदनीय हिन्दी।
भारत माता की शान है हिन्दी॥
सहज, सरल, सुबोध है हिन्दी।
मेरे देश का अभिमान है हिन्दी॥
क्लिष्टता की नियंत्रक है हिन्दी।
जनमानस को प्रफुल्लित करती है हिन्दी॥
नवीन भाषाओ की जननी है हिन्दी।
सरस आत्मसात हो जाती है हिन्दी॥
शब्दो का अविरल प्रवाहक है हिन्दी।
मेरे देश की पहचान है हिन्दी॥
भारत माँ के ललाट पर सुशोभित है हिन्दी।
भाषाओं की उन्नायक है हिन्दी॥
कामधेनु सी दानी है हिन्दी।
संस्कृत की बेटी गागर में सागर है हिन्दी॥
चिन्तन की सरस धारा है हिन्दी।
अन्य भाषाओं की संगिनी है हिन्दी॥
बारिश की रिमझिम फुहार है हिन्दी।
स्नेहिल भारत माँ का वरदान है हिन्दी॥
भावनाओं का साकार स्वरूप है हिन्दी।
देश की सार्थक भागीदार है हिन्दी॥
राष्ट्र की बगिया को महकाती है हिन्दी।
प्रेम के मोती को संजोती है हिन्दी॥
विश्व धरोहर का प्रतीक है हिन्दी।
मंगल गान की मुक्त पहचान है हिन्दी॥