देवी गीत :- दर पे आस लगाए बैठा
तेरा लाल हूं अम्बे माँ, बैठा दर पे आस लगाके।
मेरी झोली भर दे मां, बैठा दर पे आस लगाके।
तेरा लाल हूं मैं तो माँ…
कोई कहे तुझे अंबे काली, कोई शेरावाली।
कोई कहे तुझे देवी शारदा, कोई मेहरा वाली।
मैं बोलूं तुझे मैया मेरी, तेनु बेटा बना सबाली।
तेरा लाल हूं अंबे माँ…..
छुट्टन तेरे दर पर आया मांगे दर्शन माता।
जो तूने मुझे दरस न दीनो, फोढूं अपना माथा।।
दर्शन दे दे शेरावाली, मेनु आस लगाए बैठा।
तेरा लाल हूँ अम्बे माँ…..
✍? अरविंद राजपूत ‘कल्प’