देवी गीत- जय काली कलकत्ते वाली…..
जय काली कलकत्ते वाली जय काली माँ जय काली।
ज्योतावाली, मेहरावाली जय काली माँ जय काली।।
चंड मुंड संघारन हारी जय काली माँ जय काली।
जय काली माँ जय काली…..
महिषासुर मर्दिनी तू माते, शिव शंकर तुझसे घबराते।
असुरों के संताप से माते, शरन मे सुर सब तेरी आते।।
हर विपदा से तुम ही बचाती, तू विपदा को हरने वाली।
जय काली माँ जय काली…..
कलयुग में पापों का डेरा, चहुंओर छाया है अंधेरा।
भ्रष्टाचार व्यभिचार ने माता, डाल रखा है अपना डेरा।।
‘कल्प’ तेरे दर आया मैया, ले के झोली अपनी खाली।
जय काली माँ जय काली…..
अरविंद राजपूत ‘कल्प’