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18 Sep 2020 · 1 min read

देवदास ~ 2

वो धड़कन बनी हमारी
और हम अहसास बन बैठे
इतिहास बनी वही कहानी
ज़ब हम देवदास बन बैठे
यूँ तो ज़िक्र था उसकी बातों में
मेरी आहट थी उसकी साँसों में
मिलन नहीं था मुमकिन फिर भी
सब कुछ हुआ ख़यालों में
मगर आज मोहब्बत की बाज़ी में
हम बिखरे ताश बन बैठे
इतिहास बनी वही कहानी
ज़ब हम देवदास बन बैठे
यूँ तो संग था जीना मरना
आँखों में बस वही था सपना
ठुकरा दिया जमाने भर को
ज़ब साथ में उसके प्यार था अपना
मगर आज भुलाकर हमें उन्हीं के
कुछ अपने खास बन बैठे
इतिहास बनी वही कहानी
ज़ब हम देवदास बन बैठे
यूँ तो बर्बाद हुए दोनों
बस जिन्दा लाश हुए दोनों
तब आसमान भी बरसा था
शायद मिलने को तरसा था
रब ढूंढ रहा था निशां उन्हीं के
मगर वो अधूरी तलाश बन बैठे
इतिहास बनी वही कहानी
ज़ब हम देवदास बन बैठे
…भंडारी लोकेश ✍️

1 Like · 1 Comment · 305 Views
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