Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
26 Jun 2021 · 1 min read

देवदास नहीं, सुकरात बनो

खुदकुशी नहीं,
इंकलाब करो!
देवदास नहीं,
सुकरात बनो!!
हक़ के लिए
सूली चढ़कर
लोकतंत्र की
बुनियाद धरो!!
#Geetkar
Shekhar Chandra Mitra
#KabeerReturns

Language: Hindi
Tag: शेर
1 Like · 172 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
शायद वो खत तूने बिना पढ़े ही जलाया होगा।।
शायद वो खत तूने बिना पढ़े ही जलाया होगा।।
★ IPS KAMAL THAKUR ★
ऐसा क्यों होता है..?
ऐसा क्यों होता है..?
Dr Manju Saini
बहुजनों के हित का प्रतिपक्ष रचता सवर्ण सौंदर्यशास्त्र :
बहुजनों के हित का प्रतिपक्ष रचता सवर्ण सौंदर्यशास्त्र :
Dr MusafiR BaithA
मातु भवानी
मातु भवानी
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
कैसे कहें घनघोर तम है
कैसे कहें घनघोर तम है
Suryakant Dwivedi
नदी का किनारा ।
नदी का किनारा ।
Kuldeep mishra (KD)
न जल लाते हैं ये बादल(मुक्तक)
न जल लाते हैं ये बादल(मुक्तक)
Ravi Prakash
कभी रहे पूजा योग्य जो,
कभी रहे पूजा योग्य जो,
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
क्यों और कैसे हुई विश्व पर्यावरण दिवस मनाने की शुरुआत। क्या है 2023 का थीम ?
क्यों और कैसे हुई विश्व पर्यावरण दिवस मनाने की शुरुआत। क्या है 2023 का थीम ?
Shakil Alam
मेरा विज्ञान सफर
मेरा विज्ञान सफर
Ms.Ankit Halke jha
गीत
गीत
Shiva Awasthi
शायरी
शायरी
श्याम सिंह बिष्ट
“Mistake”
“Mistake”
पूर्वार्थ
स्त्री:-
स्त्री:-
Vivek Mishra
क्या अजब दौर है आजकल चल रहा
क्या अजब दौर है आजकल चल रहा
Johnny Ahmed 'क़ैस'
****** धनतेरस लक्ष्मी का उपहार ******
****** धनतेरस लक्ष्मी का उपहार ******
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
जुगुनूओं की कोशिशें कामयाब अब हो रही,
जुगुनूओं की कोशिशें कामयाब अब हो रही,
Kumud Srivastava
💐प्रेम कौतुक-458💐
💐प्रेम कौतुक-458💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
गई नहीं तेरी याद, दिल से अभी तक
गई नहीं तेरी याद, दिल से अभी तक
gurudeenverma198
देखा तुम्हें सामने
देखा तुम्हें सामने
Harminder Kaur
चार दिन की ज़िंदगी
चार दिन की ज़िंदगी
कार्तिक नितिन शर्मा
मुक्तक-
मुक्तक-
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
रात बदरिया...
रात बदरिया...
डॉ.सीमा अग्रवाल
#ग़ज़ल-
#ग़ज़ल-
*Author प्रणय प्रभात*
कहां जाऊं सत्य की खोज में।
कहां जाऊं सत्य की खोज में।
Taj Mohammad
अपनी अपनी मंजिलें हैं
अपनी अपनी मंजिलें हैं
Surinder blackpen
चंद्रयान 3
चंद्रयान 3
बिमल तिवारी “आत्मबोध”
Live in Present
Live in Present
Satbir Singh Sidhu
3260.*पूर्णिका*
3260.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
"सपने"
Dr. Kishan tandon kranti
Loading...