Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
9 Jun 2019 · 1 min read

देख दशा आँसू आते

देख दशा आँसू आते,
कैसे भेड़िये खुले घूमते,

गली गली में ये विचरते,
कली कली को निहारते,

खिलने से पहले ही रौंदते,
क्यों नही कुछ ये सोचते,

ये बेरहम दानव दरिंदे,
खा रहे ये उड़ते परिंदे,

मर चुकी इनकी मानवता,
पशु से भी बद्तर हैं पशुता,

खुले घूम रहे ये हैवान,
असुरों से भी बड़े शैतान,

सुनो अर्ज है! भगवान,
दे दो हमे एक वरदान,

आ जाओ लेकर अवतार,
हरने फिर से धरा का भार,
।।।जेपीएल।।।

Language: Hindi
1 Like · 441 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from जगदीश लववंशी
View all
You may also like:
*सैनिक 【कुंडलिया】*
*सैनिक 【कुंडलिया】*
Ravi Prakash
"कइयों को जिसकी शक़्ल में,
*Author प्रणय प्रभात*
हृद्-कामना....
हृद्-कामना....
डॉ.सीमा अग्रवाल
🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹
🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹
Dr Shweta sood
दोहा
दोहा
प्रीतम श्रावस्तवी
"तलाश में क्या है?"
Dr. Kishan tandon kranti
तुम्हारी खूब़सूरती क़ी दिन रात तारीफ क़रता हूं मैं....
तुम्हारी खूब़सूरती क़ी दिन रात तारीफ क़रता हूं मैं....
Swara Kumari arya
उसके सवालों का जवाब हम क्या देते
उसके सवालों का जवाब हम क्या देते
ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी"
नन्हीं बाल-कविताएँ
नन्हीं बाल-कविताएँ
Kanchan Khanna
जो नहीं दिखते वो दर्द होते हैं
जो नहीं दिखते वो दर्द होते हैं
Dr fauzia Naseem shad
बारिश और उनकी यादें...
बारिश और उनकी यादें...
Falendra Sahu
यह ज़मीं है सबका बसेरा
यह ज़मीं है सबका बसेरा
gurudeenverma198
राम
राम
Sanjay ' शून्य'
*सच्चे  गोंड और शुभचिंतक लोग...*
*सच्चे गोंड और शुभचिंतक लोग...*
नेताम आर सी
शब्द सारे ही लौट आए हैं
शब्द सारे ही लौट आए हैं
Ranjana Verma
डॉ अरुण कुमार शास्त्री 👌💐👌
डॉ अरुण कुमार शास्त्री 👌💐👌
DR ARUN KUMAR SHASTRI
वाह ! मेरा देश किधर जा रहा है ।
वाह ! मेरा देश किधर जा रहा है ।
कृष्ण मलिक अम्बाला
जिन्दगी से शिकायत न रही
जिन्दगी से शिकायत न रही
Anamika Singh
हम यहाँ  इतने दूर हैं  मिलन कभी होता नहीं !
हम यहाँ इतने दूर हैं मिलन कभी होता नहीं !
DrLakshman Jha Parimal
प्रकृति
प्रकृति
Monika Verma
रमेशराज के बालमन पर आधारित बालगीत
रमेशराज के बालमन पर आधारित बालगीत
कवि रमेशराज
मेहनतकश अवाम
मेहनतकश अवाम
Shekhar Chandra Mitra
2681.*पूर्णिका*
2681.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
💐प्रेम कौतुक-97💐
💐प्रेम कौतुक-97💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
गुरु पूर्णिमा
गुरु पूर्णिमा
Radhakishan R. Mundhra
आबाद सर ज़मीं ये, आबाद ही रहेगी ।
आबाद सर ज़मीं ये, आबाद ही रहेगी ।
Neelam Sharma
आप किसी का कर्ज चुका सकते है,
आप किसी का कर्ज चुका सकते है,
Aarti sirsat
छुपा है सदियों का दर्द दिल के अंदर कैसा
छुपा है सदियों का दर्द दिल के अंदर कैसा
VINOD CHAUHAN
देश के वासी हैं
देश के वासी हैं
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
भीड से निकलने की
भीड से निकलने की
Harminder Kaur
Loading...