देख दशा आँसू आते
देख दशा आँसू आते,
कैसे भेड़िये खुले घूमते,
गली गली में ये विचरते,
कली कली को निहारते,
खिलने से पहले ही रौंदते,
क्यों नही कुछ ये सोचते,
ये बेरहम दानव दरिंदे,
खा रहे ये उड़ते परिंदे,
मर चुकी इनकी मानवता,
पशु से भी बद्तर हैं पशुता,
खुले घूम रहे ये हैवान,
असुरों से भी बड़े शैतान,
सुनो अर्ज है! भगवान,
दे दो हमे एक वरदान,
आ जाओ लेकर अवतार,
हरने फिर से धरा का भार,
।।।जेपीएल।।।