देख कबीरा रोया
सियासत चमकाते हुक्मरान
बीच में फंसते अल्लाराम!
लड़ते-मरते हिंदू-मुसलमान
रूसवा होते अल्लाराम!
कौन समझेगा उनकी ज़ुबान
कहें तो क्या अल्लाराम!
धर्मगुरु चलाते अपनी दुकान
मुफ़्त में लुटते अल्लाराम!
Shekhar Chandra Mitra
सियासत चमकाते हुक्मरान
बीच में फंसते अल्लाराम!
लड़ते-मरते हिंदू-मुसलमान
रूसवा होते अल्लाराम!
कौन समझेगा उनकी ज़ुबान
कहें तो क्या अल्लाराम!
धर्मगुरु चलाते अपनी दुकान
मुफ़्त में लुटते अल्लाराम!
Shekhar Chandra Mitra