Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
13 Mar 2021 · 1 min read

देखि सूर्य का आभामंडल

आधार छंद : लावणी
मात्रा-१६+१४
विधा:गीत

सुप्रभात संग निवेदित रचना
????????

देखि सूर्य का आभामंडल,
पुलकित उपवन-उपवन है।
हरषित हैं खगवृंद सभी अब,
और उल्लसित जन -जन है।।

भंवरे मंडराते कलियों पर,
और तितलियां फूलों पर।
लटक रही है बेला रानी,
झूल रही ज्यों झूलों पर।।
सभी जीव-जन आनंदित हैं,
अब पुलकित अन्तर्मन है।
हर्षित हैं खगवृंद सभी अब,
और उल्लसित जन-जन है।।

पेड़ों पर चिड़ियों की चीं-चीं,
मन को बहुत लुभाती है।
मन में आशाओं के दीपक ,
नित नव भोर जगाती है।
हर्ष हुआ अतुलित यह लखकर,
पुलकित हुआ ‘अटल’मन है।
हर्षित हैं खगवृंद सभी अब,
और उल्लसित जन-जन है।।
?❤️?
अटल मुरादाबादी

Language: Hindi
Tag: गीत
1 Like · 263 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
किसी तरह मां ने उसको नज़र से बचा लिया।
किसी तरह मां ने उसको नज़र से बचा लिया।
Phool gufran
छप्पर की कुटिया बस मकान बन गई, बोल, चाल, भाषा की वही रवानी है
छप्पर की कुटिया बस मकान बन गई, बोल, चाल, भाषा की वही रवानी है
Anand Kumar
रेत घड़ी / मुसाफ़िर बैठा
रेत घड़ी / मुसाफ़िर बैठा
Dr MusafiR BaithA
रे मन
रे मन
Dr. Meenakshi Sharma
" मेरे प्यारे बच्चे "
Dr Meenu Poonia
आंसुओं के समंदर
आंसुओं के समंदर
अरशद रसूल बदायूंनी
बालगीत :- चाँद के चर्चे
बालगीत :- चाँद के चर्चे
Kanchan Khanna
*जनसेवा अब शब्दकोश में फरमाती आराम है (गीतिका)*
*जनसेवा अब शब्दकोश में फरमाती आराम है (गीतिका)*
Ravi Prakash
हिंदी दिवस
हिंदी दिवस
Vandana Namdev
😢नारकीय जीवन😢
😢नारकीय जीवन😢
*Author प्रणय प्रभात*
मंगलमय हो नववर्ष सखे आ रहे अवध में रघुराई।
मंगलमय हो नववर्ष सखे आ रहे अवध में रघुराई।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
हिन्दी के साधक के लिए किया अदभुत पटल प्रदान
हिन्दी के साधक के लिए किया अदभुत पटल प्रदान
Dr.Pratibha Prakash
धनतेरस
धनतेरस
डॉ विजय कुमार कन्नौजे
रिसते हुए घाव
रिसते हुए घाव
Shekhar Chandra Mitra
निराली है तेरी छवि हे कन्हाई
निराली है तेरी छवि हे कन्हाई
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
जिंदगी में ऐसा इंसान का होना बहुत ज़रूरी है,
जिंदगी में ऐसा इंसान का होना बहुत ज़रूरी है,
Mukesh Jeevanand
मां सिद्धिदात्री
मां सिद्धिदात्री
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
ठहर ठहर ठहर जरा, अभी उड़ान बाकी हैं
ठहर ठहर ठहर जरा, अभी उड़ान बाकी हैं
Er.Navaneet R Shandily
मैं धरा सी
मैं धरा सी
Surinder blackpen
" प्रार्थना "
Chunnu Lal Gupta
💐भगवतः दानस्य प्रकारा:💐
💐भगवतः दानस्य प्रकारा:💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
उम्र निकल रही है,
उम्र निकल रही है,
Ansh
कितना कोलाहल
कितना कोलाहल
Bodhisatva kastooriya
हँस लो! आज दर-ब-दर हैं
हँस लो! आज दर-ब-दर हैं
दुष्यन्त 'बाबा'
नीची निगाह से न यूँ नये फ़ित्ने जगाइए ।
नीची निगाह से न यूँ नये फ़ित्ने जगाइए ।
Neelam Sharma
सबके दामन दाग है, कौन यहाँ बेदाग ?
सबके दामन दाग है, कौन यहाँ बेदाग ?
डॉ.सीमा अग्रवाल
2413.पूर्णिका
2413.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
काश कही ऐसा होता
काश कही ऐसा होता
Swami Ganganiya
तुम हकीकत में वहीं हो जैसी तुम्हारी सोच है।
तुम हकीकत में वहीं हो जैसी तुम्हारी सोच है।
Rj Anand Prajapati
हम कहां तुम से
हम कहां तुम से
Dr fauzia Naseem shad
Loading...