देखा हैं आज …
देखा हैं आज …
जो नहीं थे हाँफते दिन भर मेहनत करके
आजकल उन्ही हाथों को कांपते देखा हैं
तुम सोचते होंगे हम सही हैं य़ा गलत 2
मैने उनको यह पहले से भांपते देखा हैं
जो कभी नहीं थे हाँफते …..
वहम मे जी रहे हो तुम कब तुम्हे रास आयेगा
चला गया वो गर कहीं कब अहसास आयेगा
रहेगा बस यही अफसोस की कुछ कर देते जब उनको
चला जो गया इक बार कभी ना पास आयेगा 2
लेलोगे काम क्या ईला जो तू नापके देखा हैं
जो नहीं थे हाँफते ….
आज उनके हाथ को हाथों से मिलाकर के देखा हैं
ना जाने क्यो बदल रही अब उनके हाथों की रेखा हैं
कांपते हाथ अब उनके बढ़ते हैं जो दुआओ को 2
अपनो की किस्मत को बदलते अपने आपने देखा हैं
जो नहीं थे हाँफते ….