दें तिरंगे को सहारा
देश हित आगे रखें हम ,स्वार्थ से कर दें किनारा।
देश तब आगे बढ़ेगा ,भूख से होगा किनारा।।
कर्म कुछ ऐसा करें नित ,दिव्य भी हो पुण्य भी हो,
प्यार हो हर कार्य में बस,हो सभी का वह सहारा।
देश सेवा धर्म अपना,हो सभी का एक सपना ,
सत्य ही आधार हो नित,झूठ से हो बस किनारा।
पाठ उनको भी पढ़ायें, जो न कर पाये भलाई।
सीख उनको दें हमेशा,जो असज्जन हैं अवारा।
सरहदों पर जो मिटें हैं,मान हम उनका करें अब ,
राष्ट्र भाषा राष्ट्र सेवा ,दें तिरंगे को सहारा।