Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
23 Jun 2020 · 1 min read

दूर करो दवाइयां

दिया प्रकृति ने
शुद्ध वायु जल
वातावरण

अपने स्वार्थ
इच्छा पूर्ति
के लिये
किया इन्सान ने
इसे प्रदुषित

काटे
ज॔गल
किया
झील नदी
तालाबों पर
अतिक्रमण
कांक्रीट के
बनाये महल
भूल गये
शुद्ध पर्यावरण

तभी तो
जीता है
आज दवाओं के सहारे
आ रही है
बीमारियों की बाढ़
कोरोना से जूझ रहा
सारा विश्व
हो रही है
औषधियों की खोज
रहते गर
संयम से स्वस्थ
तो न होता दवाओं पर
खर्च

खाओ पियो
अच्छा
योग करो
रखो अच्छी
विचारधारा
रहोगे नहीं
दवाओं के भरोसे

स्वलिखित
लेखक संतोष श्रीवास्तव भोपाल

Language: Hindi
2 Likes · 1 Comment · 198 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
Being quiet not always shows you're wise but sometimes it sh
Being quiet not always shows you're wise but sometimes it sh
Sukoon
हालातों का असर
हालातों का असर
Shyam Sundar Subramanian
Dr Arun Kumar shastri
Dr Arun Kumar shastri
DR ARUN KUMAR SHASTRI
#आज_का_आह्वान
#आज_का_आह्वान
*Author प्रणय प्रभात*
सच्चे इश्क़ का नाम... राधा-श्याम
सच्चे इश्क़ का नाम... राधा-श्याम
Srishty Bansal
अंबेडकरवादी विचारधारा की संवाहक हैं श्याम निर्मोही जी की कविताएं - रेत पर कश्तियां (काव्य संग्रह)
अंबेडकरवादी विचारधारा की संवाहक हैं श्याम निर्मोही जी की कविताएं - रेत पर कश्तियां (काव्य संग्रह)
आर एस आघात
बारिश
बारिश
Sushil chauhan
होठों पे वही ख़्वाहिशें आँखों में हसीन अफ़साने हैं,
होठों पे वही ख़्वाहिशें आँखों में हसीन अफ़साने हैं,
शेखर सिंह
इस दुनिया में किसी भी व्यक्ति को उसके अलावा कोई भी नहीं हरा
इस दुनिया में किसी भी व्यक्ति को उसके अलावा कोई भी नहीं हरा
Devesh Bharadwaj
!! गुजर जायेंगे दुःख के पल !!
!! गुजर जायेंगे दुःख के पल !!
जगदीश लववंशी
बीते हुए दिनो का भुला न देना
बीते हुए दिनो का भुला न देना
Ram Krishan Rastogi
💐प्रेम कौतुक-170💐
💐प्रेम कौतुक-170💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
कब बोला था / मुसाफ़िर बैठा
कब बोला था / मुसाफ़िर बैठा
Dr MusafiR BaithA
*** अहसास...!!! ***
*** अहसास...!!! ***
VEDANTA PATEL
बदल गए तुम
बदल गए तुम
Kumar Anu Ojha
*गर्मी के मौसम में निकली, बैरी लगती धूप (गीत)*
*गर्मी के मौसम में निकली, बैरी लगती धूप (गीत)*
Ravi Prakash
लबो पे तबस्सुम निगाहों में बिजली,
लबो पे तबस्सुम निगाहों में बिजली,
Vishal babu (vishu)
समय आया है पितृपक्ष का, पुण्य स्मरण कर लें।
समय आया है पितृपक्ष का, पुण्य स्मरण कर लें।
surenderpal vaidya
मोबाइल फोन
मोबाइल फोन
डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम
मन
मन
Ajay Mishra
" दिल गया है हाथ से "
भगवती प्रसाद व्यास " नीरद "
3176.*पूर्णिका*
3176.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
-अपनी कैसे चलातें
-अपनी कैसे चलातें
Seema gupta,Alwar
हरितालिका तीज
हरितालिका तीज
Mukesh Kumar Sonkar
अचानक जब कभी मुझको हाँ तेरी याद आती है
अचानक जब कभी मुझको हाँ तेरी याद आती है
Johnny Ahmed 'क़ैस'
सागर प्रियतम प्रेम भरा है हमको मिलने जाना है।
सागर प्रियतम प्रेम भरा है हमको मिलने जाना है।
सत्येन्द्र पटेल ‘प्रखर’
फालतू की शान औ'र रुतबे में तू पागल न हो।
फालतू की शान औ'र रुतबे में तू पागल न हो।
सत्य कुमार प्रेमी
ऐ वतन
ऐ वतन
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
*यार के पैर  जहाँ पर वहाँ  जन्नत है*
*यार के पैर जहाँ पर वहाँ जन्नत है*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
कल रहूॅं-ना रहूॅं...
कल रहूॅं-ना रहूॅं...
पंकज कुमार कर्ण
Loading...