Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
1 Apr 2020 · 1 min read

“दूरी बहुत जरूरी है “

आज लगभग सम्पूर्ण विश्व कोविड-19 संक्रमण नामक महामारी से पीडित है। भारत में भी वर्तमान समय में लॉकडाउन की स्थिति बनी हुई है। प्राणी विचलित भी है और विवश भी।
उपरोक्त स्थिति को मैंने अपनी कविता में प्रकट करने का प्रयत्न किया है,जिसका शीर्षक है “दूरी बहुत जरूरी है”

“दूरी बहुत जरूरी है ”

इंसानों को इंसानों से जो दूर करें ये कैसी मजबूरी है।
जिन्दा रहने के खातिर पर दूरी बहुत जरूरी है।

सब तामझाम संधान लिए,जाने कैसी तैयारी है।
जो कर्मकाण्ड को त्यागेगा,वही जीने का अधिकारी है।
निष्काम भाव से काम त्याग कर,अब घर ही सबकी धुरी है।
जिन्दा रहने के खातिर अब, दूरी बहुत जरूरी है।

चुम्बन और आलिंगन युग में, फिर से प्रेम पत्र सा दौर चला है।
लौट पुरानी यादों का आना, हृदय को झकझोर चला है।
ये किस्से है नादानी के,ये बातें अभी अधूरी है।
जिन्दा रहने के खातिर अब, दूरी बहुत जरूरी है।

घर छोडा जिसने घर के खातिर,दूर देश को चले गये।
घर तक आने में हानि है,प्रमाण वाद के दिये गये।
वह कर्म का साधक घर पर है,जो करता नित मजदूरी है।
जिन्दा रहने के खातिर अब, दूरी बहुत जरूरी है।

न मन्दिर में न मस्जिद में,जो दरगाहों में नही मिलें।
श्वेत वस्त्र को धारण कर,वो स्वयं चिकित्सक बने मिलें।
प्रभु चन्दन से वन्दन होगा तेरा,हर लो जो मजबूरी है।
जिन्दा रहने के खातिर अब, दूरी बहुत जरूरी है।

कुमार अखिलेश
जिला देहरादून (उत्तराखण्ड)
मोबाइल नंबर 09627547054

Language: Hindi
2 Likes · 3 Comments · 379 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
अधूरी हसरत
अधूरी हसरत
umesh mehra
Propose Day
Propose Day
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
" लोग "
Chunnu Lal Gupta
कुंडलिया
कुंडलिया
दुष्यन्त 'बाबा'
बाबा केदारनाथ जी
बाबा केदारनाथ जी
Bodhisatva kastooriya
मेरी दुनिया उजाड़ कर मुझसे वो दूर जाने लगा
मेरी दुनिया उजाड़ कर मुझसे वो दूर जाने लगा
कृष्णकांत गुर्जर
बावजूद टिमकती रोशनी, यूं ही नहीं अंधेरा करते हैं।
बावजूद टिमकती रोशनी, यूं ही नहीं अंधेरा करते हैं।
ओसमणी साहू 'ओश'
कलेजा फटता भी है
कलेजा फटता भी है
Paras Nath Jha
लाईक और कॉमेंट्स
लाईक और कॉमेंट्स
Dr. Pradeep Kumar Sharma
बुंदेली दोहा बिषय- नानो (बारीक)
बुंदेली दोहा बिषय- नानो (बारीक)
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
जीवन की आपाधापी में, न जाने सब क्यों छूटता जा रहा है।
जीवन की आपाधापी में, न जाने सब क्यों छूटता जा रहा है।
Gunjan Tiwari
मौन आँखें रहीं, कष्ट कितने सहे,
मौन आँखें रहीं, कष्ट कितने सहे,
Arvind trivedi
फितरत
फितरत
Awadhesh Kumar Singh
निकला वीर पहाड़ चीर💐
निकला वीर पहाड़ चीर💐
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
दिल रंज का शिकार है और किस क़दर है आज
दिल रंज का शिकार है और किस क़दर है आज
Sarfaraz Ahmed Aasee
रैन बसेरा
रैन बसेरा
Shekhar Chandra Mitra
*रामपुर का प्राचीनतम मंदिर ठाकुरद्वारा मंदिर (मंदिर श्री मुनीश्वर दत्त जी महाराज
*रामपुर का प्राचीनतम मंदिर ठाकुरद्वारा मंदिर (मंदिर श्री मुनीश्वर दत्त जी महाराज
Ravi Prakash
खूबसूरत चेहरे
खूबसूरत चेहरे
Prem Farrukhabadi
सपने..............
सपने..............
पूर्वार्थ
मैं ना जाने क्या कर रहा...!
मैं ना जाने क्या कर रहा...!
भवेश
"खामोशी की गहराईयों में"
Pushpraj Anant
"बेटी और बेटा"
Ekta chitrangini
"प्यासा"प्यासा ही चला, मिटा न मन का प्यास ।
Vijay kumar Pandey
शहर
शहर
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
क्या हुआ ???
क्या हुआ ???
Shaily
💐प्रेम कौतुक-559💐
💐प्रेम कौतुक-559💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
नज़र चुरा कर
नज़र चुरा कर
Surinder blackpen
■ दोहा :-
■ दोहा :-
*Author प्रणय प्रभात*
रखा जाता तो खुद ही रख लेते...
रखा जाता तो खुद ही रख लेते...
कवि दीपक बवेजा
अपने आँसू
अपने आँसू
डॉ०छोटेलाल सिंह 'मनमीत'
Loading...