Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
24 Sep 2021 · 1 min read

दूध छाछ के भाव

✒️?जीवन की पाठशाला ??️
जीवन चक्र ने मुझे सिखाया की कागजों पर लिखे एग्रीमेंट -टर्म्स कंडीशंस केवल उन लोगों के लिए हैं जो आँखों की शर्म -लिहाज रखते हैं -जुबान की कीमत समझते हैं वर्ना जिनके दिल दिमाग में ही बेईमानी -लालच हो ,नियत ख़राब हो उन लोगों के लिए कागजों की भी कोई अहमियत नहीं …,

जीवन चक्र ने मुझे सिखाया की ताले चोरों से बचने के लिए नहीं लगाए जाते बल्कि इसलिए लगाए जाते हैं की कभी किसी दिन कुछ देख कर किसी शरीफ -ईमानदार व्यक्ति का ईमान न डोल जाये …,

जीवन चक्र ने मुझे सिखाया की इस जीवन संग्राम में जरुरत से ज्यादा झुकना /विनम्रता सामने वाले के अहंकार को बढ़ावा देती है ,वो हमारी शराफत को कमजोरी समझ लेता है …,

आखिर में एक ही बात समझ आई की प्राइवेट नौकरी में अधिकांशतः मालिक(Employer) उम्मीद करते है की कर्मचारी अपना शत प्रतिशत दे -पूर्ण निष्ठां ईमानदारी से कार्य करे -लम्बे समय तक टिका भी रहे लेकिन तनख्वाह हम उसके अनुभव और कार्य के हिसाब से कम दें , क्यों Employer ये नहीं समझना चाहते की कैसे गरमा गर्म केसर और मलाई वाला दूध उनको छाछ के भाव मिलेगा ?

बाक़ी कल , अपनी दुआओं में याद रखियेगा ?सावधान रहिये-सुरक्षित रहिये ,अपना और अपनों का ध्यान रखिये ,संकट अभी टला नहीं है ,दो गज की दूरी और मास्क ? है जरुरी …!
?सुप्रभात?
स्वरचित एवं स्वमौलिक
“?विकास शर्मा’शिवाया ‘”?
जयपुर-राजस्थान

Language: Hindi
Tag: लेख
264 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
"श्रृंगारिका"
Ekta chitrangini
दोहा
दोहा
दुष्यन्त 'बाबा'
फितरत बदल रही
फितरत बदल रही
Basant Bhagawan Roy
नहीं खुलती हैं उसकी खिड़कियाँ अब
नहीं खुलती हैं उसकी खिड़कियाँ अब
Shweta Soni
बुध्द गीत
बुध्द गीत
Buddha Prakash
ख्वाबों से निकल कर कहां जाओगे
ख्वाबों से निकल कर कहां जाओगे
VINOD CHAUHAN
आंखे, बाते, जुल्फे, मुस्कुराहटे एक साथ में ही वार कर रही हो।
आंखे, बाते, जुल्फे, मुस्कुराहटे एक साथ में ही वार कर रही हो।
Vishal babu (vishu)
#गहिरो_संदेश (#नेपाली_लघुकथा)
#गहिरो_संदेश (#नेपाली_लघुकथा)
Dinesh Yadav (दिनेश यादव)
"आया रे बुढ़ापा"
Dr Meenu Poonia
अधूरा इश्क़
अधूरा इश्क़
Dr. Mulla Adam Ali
■ क़तआ (मुक्तक)
■ क़तआ (मुक्तक)
*Author प्रणय प्रभात*
13) “धूम्रपान-तम्बाकू निषेध”
13) “धूम्रपान-तम्बाकू निषेध”
Sapna Arora
चाय और सिगरेट
चाय और सिगरेट
आकाश महेशपुरी
ज्ञान-दीपक
ज्ञान-दीपक
Pt. Brajesh Kumar Nayak
उस पार की आबोहवां में जरासी मोहब्बत भर दे
उस पार की आबोहवां में जरासी मोहब्बत भर दे
'अशांत' शेखर
मिल जाते हैं राहों में वे अकसर ही आजकल।
मिल जाते हैं राहों में वे अकसर ही आजकल।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
सत्य ही शिव
सत्य ही शिव
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
माँ वीणा वरदायिनी, बनकर चंचल भोर ।
माँ वीणा वरदायिनी, बनकर चंचल भोर ।
जगदीश शर्मा सहज
होली
होली
नूरफातिमा खातून नूरी
पार्वती
पार्वती
लक्ष्मी सिंह
लज्जा
लज्जा
Shekhar Chandra Mitra
*जीवन सरल जिएँ हम प्रभु जी ! सीधा सच्चा सादा (भक्ति-गीत)*
*जीवन सरल जिएँ हम प्रभु जी ! सीधा सच्चा सादा (भक्ति-गीत)*
Ravi Prakash
कबीर एवं तुलसीदास संतवाणी
कबीर एवं तुलसीदास संतवाणी
Khaimsingh Saini
आंखों की नशीली बोलियां
आंखों की नशीली बोलियां
Surinder blackpen
फाग (बुंदेली गीत)
फाग (बुंदेली गीत)
umesh mehra
"सुख के मानक"
Dr. Kishan tandon kranti
‘’ हमनें जो सरताज चुने है ,
‘’ हमनें जो सरताज चुने है ,
Vivek Mishra
टूटा हुआ सा
टूटा हुआ सा
Dr fauzia Naseem shad
रिश्तों में वक्त नहीं है
रिश्तों में वक्त नहीं है
पूर्वार्थ
2569.पूर्णिका
2569.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
Loading...